
बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए अमेरिका एक नए टाइप के गार्ड पर काम कर रहा है. इसे रोबोट डॉग्स कहा गया है. डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने अनाउंस किया है कि यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) रोबोट डॉग्स को टेस्ट कर रहा है. ताकि साउथ बॉर्डर पर नजर रखी जा सके.
ज्यादातर गार्ड रोबोट डॉग का मतलब केवल बॉर्डर सर्विलांस से होता है. रोबोट डॉग को हाथ में शूटिंग गन लिए देखने में कुछ सालों का समय लग सकता है. DHS के स्टेटमेंट के अनुसार इस प्रोग्राम का गोल टेक्नलॉजी का यूज करके फोर्स को मल्टीप्लाई करना है. इसके अलावा इसका उद्देश्य ह्यूमन एक्सपोजर को भी लाइफ-थ्रेटनिंग जगहों पर कम करना भी है.
रोबोट डॉग्स को 20-पाउंड पेलोड लेकर पहाड़ पर चढ़ाकर, नीचे की ओर और पत्थर पर चला कर टेस्ट किया गया. हालांकि, DHS ने इसके ट्रायल्स को और इसके डिप्लॉयमेंट को लेकर कोई टाइमलाइन नहीं शेयर किया है. CBP ने इसके लिए एडवांस ऑटोमैटेड ग्राउंड सर्विलांस व्हीकल सिस्टम डेवलप करने वाली कंपनी Ghost Robotics से पार्टनरशिप की है.
Ghost Robotics के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर Gavin Kenneally के अनुसार इस डॉग रोबोट का वजन 100 पाउंड है और इसे CBP के काम की जरूरत के हिसाब से डिजाइन किया गया है. ये रग्ड और क्वाडरुपेड रोबोट है.
उन्होंने आगे बताया ये सभी तरह के नेचुरल टेरेन जैसे बालू, पत्थर और पहाड़ पर चल सकता है. इसके अलावा ये इंसान के बनाए सीढ़ी पर भी चढ़ सकता है. Ghost Robotics का सबसे पॉपुलर मॉडल Vision 60 है.
इसकी लंबाई 2.5 फीट और वजन 32 किलोग्राम है. ये दावा किया जाता है कि ये 3 घंटे में 12 किलोमीटर तक सिंगल फुल बैटरी चार्ज पर चल सकता है. एक स्टेटमेंट में Ghost Robotics ने बताया उसके पेलोड कैपिबिलिटी को ओपन सिस्टम की तरह डिजाइन किया गया है.
इसका फायदा ये है कि ये अलग-अलग तरह के कैमरे जैसे 360-डिग्री, थर्मल, नाइट विजन, जूम को इंटीग्रेट कर सकता है. इसके अलावा अलग-अलग तरह के सेंसर्स जैसे केमिकल, बायोलॉजिकल, न्यूक्लियर को भी इसमें इंटीग्रेट किया जा सकता है.