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Twitter इंडिया के पूर्व हेड का प्लान, मेटावर्स में लोगों को जॉब के लिए कर रहे हैं तैयार

मेटावर्स में पढ़ाई करने का एक्सीरिएंस कैसा होगा? ट्विटर इंडिया के पूर्व हेड मनीष महेषशवरी ने हाल ही में अपनी कंपनी शुरू की है. उन्होंने कहा है कि इस कंपनी के साथ उनका गोल लोगों को जॉब्स के लिए तैयार करना है.

Invact Metaversity founder Manish Maheshwari Invact Metaversity founder Manish Maheshwari
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST
  • मेटावर्स में हो रही है पढ़ाई, जॉब के लिए तैयार करने का दावा!
  • इंडस्ट्री इंसाइडर्स मेटावर्स में स्टूडेंट्स को करेंगे जॉब के लिए तैयार

Twitter India के पूर्व हेड मनीष महेशवरी ने कंपनी छोड़ कर मेटावर्स में कदम रखा है. दरअसल उन्होंने ट्विटर को अलविदा कहा और इन्वैक्ट मेटावर्सिटी (Invact Metaversity) नाम की एक नई कंपनी शुरू कर दी है.

मेटावर्स इन दिनों तेजी से हाइप बटोर रहा है और फेसबुक सहित कई बड़ी कंपनियों ने मेटावर्स पर अरबों डॉलर्स निवेश कर दिए हैं. बहरहाल, मनीष महेशवरी के स्टार्टअप एडुकेशन बेस्ड है. 

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मेटावर्स में क्लास करने का एक्सपीरिएंस एक अलग तरह का होगा. आम तौर पर जूम पर ऑनलाइन क्लास में स्टूडेंट्स एक दूसरे के साथ और टीचर के साथ कनेक्ट बनाने में मशक्कत करते हैं. ऐसे में क्या मेटावर्स में असल जिंदगी की तरह ही क्लास अटेंड करने का एक्स्पीरिएंस मिल पाएगा ये बड़ा सवाल है. 

मेटावर्सिटी के को-फाउंडर मनीष महेशवरी ने हमसे बातचीत के दौरान कहा कि यहां लोगों यानी स्टूडेंट्स को बिल्कुल असली या फिजिकल क्लासरूम का एक्स्पीरिएंस मिलेगा. 

जैसे कॉलेज या किसी इंस्टिट्यूशन में क्लास में लोग एक दूसरे के साथ बैठते हैं उसी तरह यहां भी लोग अपने अवतार के जरिए एक दूसरे से इंट्रैक्ट कर पाएंगे. 

वेबकैम ओपन करके हैंड जेस्चर से भी क्लास के दूसरे स्टूडेंट्स और प्रोफेसर के साथ इंट्रैक्ट किया जा सकता है. हैंड जेस्चर का भी सपोर्ट दिया गया है यानी आप अपने वेबकैम के सामने जिस तरह से हाथ वेव करना चाहें तो वैसे ही आपका अवतार मेटावर्सिटी में भी करेगा. 

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क्या सर्टिफिकेशन भी मिलेगी?

मनीष महेशवरी ने बताया है कि मेटावर्सिटी के कोर्स जॉब ओरिएंटेड होंगे. यानी यहां, सिर्फ थ्योरी पर फोकस नहीं किया जाएगा, बल्कि स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल नॉलेज दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी ताकि वो जॉब के लिए तैयार हो सकें. 
 
बेहतर प्रैक्टिकल नॉलेज स्टूडेंट को दिलाने के लिए यहां इंडस्ट्री से डायरेक्ट उसी फील्ड के लोगों को बुलाया जाएगा जो अपने फील्ड में अच्छी पकड़ रखते हैं. इनमें से खुद एक ट्विटर के पूर्व इंडिया हेड मनीष महेशवरी होंगे. इसके अलावा दुनिया की कई बड़ी यूनिवर्सिटी के ऐसे लोग पढ़ाएंगे जो अपनी फील्ड में अच्छा कर चुके  हैं. 

मनीष महेशवरी ने कहा है कि उनका मानना है कि आम तौर पर जो भारत में MBA या दूसरे डिग्री प्रोग्राम होते हैं, उनमें प्रैक्टिकल नॉलेज पर फोकस कम किया जाता है. इस वजह से डिग्री लेने का बाद भी लोगों को जॉब्स के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं. 

कोर्स की बात करें तो यहां InvactMBA के तहत 16 हफ्तों का प्रोग्राम है जिसे जॉब ओरिएंटेड बनाया गया है. इस कंपनी का दावा है कि ये प्रोग्राम लोगों को जॉब के लिए तैयार करेगा. ये कोर्स मेटावर्सिटी में पढ़ाया जाएगा जहां स्टूडेंट्स मार्केटिंग, प्रोडक्ट मैनेजमेंट और दूसरे स्पेशलाइजेशन में से एक सेलेक्ट कर सकेंगे. 

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कोर्स के लिए कोई भी आवेदन कर सकता है और इसके लिए किसी तरह के डिग्री की जरूरत नहीं होगी. हालांकि ये कोर्स फ्री नहीं है और इसके लिए स्टूडेंट्स को पैसे देने होंगे. कोर्स की फी 2 लाख रुपये है जिसे EMI में भी पेमेंट किया जा सकता है.

मेटावर्स में क्लास करने के लिए स्टूडेंट्स के पास क्या होना चाहिए?

एक सेट माइंडसेंट ये भी है कि मेटावर्स में जाने के लिए आपके पास कुछ खास तरह के इक्विपमेंट्स होने जरूरी हैं. जैसे वर्चुअल रियलिटी हेडसेट, लेकिन मनीष महेशवरी ने हमें बताया कि मेटावर्सिटी में क्लास करने के लिए सिर्फ इंटरनेट कनेक्शन और लैपटॉप या मोबाइल की जरूरत होगी. 

मनीष महेशवरी के मुताबिक उन्होंने मेटावर्सिटी का यूजर इंटरफेस को सिंपल और फास्ट रखा है. इसे यूज करना आसान है और कम पावरफुल या साधारण लैपटॉप या मोबाइल से भी इसे बिना किसी रूकावट के ऐक्सेस किया जा सकेगा. 

हमने इसका डेमो भी देखा जहां स्टूडेंट्स अवतार के जरिए क्लास अटेंड करेंगे. टेक्निकल प्वाइंट ऑफ व्यू से बात करे तो, मेटावर्स स्पेस में एक असली यूनिवर्सिटी जैसा ही इंस्फ्रास्ट्रक्चर दिखेगा. क्लासरूम असली जैसे ही लगेंगे, लेकिन स्टूडेंट्स वहां अपने अवतार के साथ अपने डिवाइस के जरिए मौजूद होंगे. 

फ्यूचर क्या है?
भारत में मेटावर्स को लेकर अभी लोगों में काफी कम अवेयरनेस है. ऐसे में सवाल ये है कि लोग 2 लाख रुपये दे कर इस प्रोग्राम में एनरॉल करते हैं तो उन्हें अच्छा रिजल्ट चाहिए होगा. हालांकि मनीष महेशवरी ने हमें बताया है कि कोर्स के लिए काफी लोगों ने रजिस्टर किया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि मनीष महेशवरी का ये मेटावर्सिटी प्रोजेक्ट भारत में क्या कमाल दिखा पाता है. 

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