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भारत ही नहीं इन देशों में भी हो चुका है 'ट्विटर बनाम सरकार'

सरकार और ट्विटर के बीच बयानाों का दौरा जारी है. ट्विटर के बयान का जवाब सरकार ने दिया. भारत सरकार ने कहा है कि ट्विटर झूठ बोल रहा है. लेकिन भारत ही नहीं, अमेरिका में भी ट्विटर और सरकार के बीच लड़ाई हो चुकी है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST
  • पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप ने कई बार ट्विटर को धमकी दी थी.
  • भारत सरकार ने कहा है, ट्विटर झूठ बोल रहा है.

भारत में इस समय एक तरह से सरकार बनाम ट्विटर हो चुका है. सरकार नया IT Rules ले कर आई है. ट्विटर का कहना है कि इस नियम में कुछ ऐसी बातें हैं जिससे यूजर्स के फ्री स्पीच के साथ खिलवाड़ हो सकता है. दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दफ्तर पर छापा मारा. 

गौरतलब है कि हाल ही में बीजेपी के संबित पात्रा ने एक कथित टूलकिट शेयर किया था. ट्विटर ने इस ट्वीट के नीचे मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगा दिया.

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तब से अब तक सरकार और ट्विटर के बीच एक तरह का वॉर चल रहा है. हालांकि IT Rules के लिए सरकार ने टेक कंपनियों को 25 मई तक का समय दिया था जो खत्म हो चुका है. 

कुल मिला कर ये है कि अभी सरकार बनाम ट्विटर हो चुका है. ऐसा उदाहरण पिछले साल अमेरिका में भी मिला था जो इससे थोड़ा अलग है.

ट्विटर बनाम सरकार भारत के अलावा फ्रांस, पाकिस्तान, इजरायल, रूस, साउथ कोरिया, तुर्की जैसे देशों में भी हो चुका है. इसके अलावा चीन, ईरान, मिस्र, नॉर्ख कोरिया जैसे देशों में ट्विटर को ब्लॉक भी किया जा चुका है. चीन में इस पर ऑफिशिल बैन लगा हुआ है. 

ट्विटर बनाम सरकार की सबसे बड़ी वजह हर देश में सेंशरशिप रहा है. क्योंकि वहां देश की सरकारों ने किसी न किसी तरह से ट्विटर के एथिक्स और कोड के खिलाफ जा कर ट्विटर को सेंसर करने की कोशिश की. 

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तब के अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप खुले तौर पर ट्विटर की खिलाफत कर चुके हैं. कई बार ट्रंप ने ट्विटर और कंपनी के कर्माचरियों को धमकी तक दे चुके हैं. 

बहरहाल, ट्विटर और ट्रंप के बीच झगड़े होते रहे और आखिरकार डोनल्ड ट्रंप का ट्विटर के अकाउंट को ट्विटर ने अपने प्लैटफॉर्म से हटा दिया.  

पिछले साल जून में ट्विटर ने डोनल्ड ट्रंप के ट्वीट वीडियो में भी मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगाया था. इसके बाद लगातार ट्विटर ने डोनल्ड ट्रंप के कॉन्ट्रोवर्सियल ट्वीट्स पर लेबल लगाना शुरू कर दिया था. 

अमेरिका में भले ही वहां के तब के प्रेसिडेंट डोनल्ड ट्रंप के साथ ट्विटर की लड़ाई हुई, लेकिन वहां ट्विटर बैन नहीं हुआ. क्योंकि वहां का जो कानून है उसे ट्विटर फॉलो करता है और इसके अलावा ट्विटर अपने बनाए हुए स्टैंडर्ड को हर देश में फॉलो करता है.

इसमें फ्रीडम ऑफ स्पीच को कंपनी काफी आगे रखती है और यही वजह थी कि अमेरिकी प्रेसिडेंट तक के ट्वीट को कंपनी ने फेक न्यूज का लेबल दे दिया. 

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसे कई ट्वीट किए थे जिसमें अपने हिंसक समर्थकों को 'देशभक्त' कहा था. ट्रंप के सैकड़ों हिंसक समर्थक अमेरिकी कांग्रेस के कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे और जमकर हिंसा किया. इसके बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्विटर अकाउंट को हमेशा के लिए बैन कर दिया गया. 

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ईरान सुप्रीम Ayatollah Ali Khamenei का अकाउंट भी ट्विटर ने ट्रंप के समर्थन में ट्वीट करने पर बैन कर दिया था. बाद में खबर आई ये अकाउंट स्पैम फैला रहा था और फेक अकाउंट बनाने के लिए सस्पेंड किया गया. 

कुछ ऐसे भी देश है जहां डिजिटल नियमों को सख्त किया जा रहा है लेकिन कंपनी ने कोई रिस्पांस नहीं दिया है. Russia, Myanmar, Poland, Turkey में डिजिटल रूल को सोशल मीडिया कंपनियों के लिए टाइट किया जा रहा है लेकिन Twitter ने इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा है.

 

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