Advertisement

DeepSeek के इस्तेमाल पर यहां लगा बैन, चीनी कनेक्शन की वजह से लिया गया फैसला

DeepSeek AI Ban: अमेरिकी नेवी ने डीपसीक AI के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. नेवी ने इसके पीछे सिक्योरिटी और एथिकल कारण बताए हैं. इस हफ्ते की शुरुआत से DeepSeek लगातार चर्चा में बना हुआ है. चर्चा की वजह इसकी कम कीमत है. इस चीनी AI को तैयार करने में कुछ लाख डॉलर ही खर्च हुए हैं, जबकि अमेरिकी कंपनियों ने अरबों डॉलर खर्च करके अपने AI मॉडल को तैयार किया है.

DeepSeek R1 को चीनी स्टार्टअप ने लॉन्च किया है. DeepSeek R1 को चीनी स्टार्टअप ने लॉन्च किया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST

DeepSeek लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस चीनी AI ने अमेरिका में लॉन्च होते ही तमाम बड़ी कंपनियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. इस चीनी AI ऐप की वजह अकेले Nvidia को लगभग 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. महज दो दिनों में कंपनी की मार्केट वैल्यू कई अरब डॉलर कम हो गई है. 

अमेरिकी नेवी ने अपने साथियों को इस ऐप का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी है. नेवी ने सिक्योरिटी और एथिकल कारणों से इस ऐप को ना इस्तेमाल करने के लिए कहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस संबंध में अमेरिकी नेवी ने एक ईमेल भेजकर वॉर्निंग दी है. 

Advertisement

क्या है अमेरिकी नेवी के ईमेल में? 

अमेरिकी नेवी ने ये वॉर्निंग डिपार्टमेंट की AI इस्तेमाल करने की पॉलिसी के आधार पर जारी की है. इस ईमेल में नेवी मेंबर्स से DeepSeek के मॉडल को ना इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. अपने ईमेल में नेवी ने अपने मेंबर्स को कहा है कि उन्हें DeepSeek AI को डाउनलोड, इंस्टॉल और इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: DeepSeek को चीन से ही मिलने लगा चैलेंज, अलीबाबा ने लॉन्च किया न्यू AI Model

अमेरिकी मार्केट को DeepSeek ने हिला दिया

ये वॉर्निंग DeepSeek R1 के रिलीज के होने के बाद जारी की गई है. अमेरिकी मार्केट में ये ऐप Apple App Store पर ChatGPT से आगे निकल गया है. इसका ओरिजिन चीन होने के कारण इसे डेटा को लेकर फिलहाल सुरक्षित नहीं माना जा रहा है. ये ऐप यूजर्स के डेटा को चीन में स्टोर करता है, जिसकी वजह से इसकी क्रेडेबिलिटी पर सवाल उठते हैं.  

Advertisement

अमेरिका में चीनी कंपनियों को लेकर ऐसा ही सिनेरियो है. पहले ही Huawei और ZTE जैसी चीनी कंपनियों को अमेरिका में बैन किया गया है. DeepSeek AI एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है यानी कोई भी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके अपना ऐप्लिकेशन बना सकता है. ओपन सोर्स होने के साथ ही इसकी सर्विसेस सस्ती भी हैं. हालांकि, इसकी पॉपुलैरिटी का नुकसान कई अमेरिकी कंपनियों को उठाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: भूल जाएंगे ChatGPT और DeepSeek AI, आ गया नया चीनी AI मॉडल kimi

इसकी एक वजह DeepSeek की लागत कम होना है. जहां दूसरी कंपनियों ने अपने AI मॉडल तैयार करने में अरबों डॉलर खर्च कर दिए. वहीं DeepSeek R1 को लगभग 60 लाख डॉलर और दो महीने में तैयार किया गया है. इसकी खबर की वजह से Nvidia के शेयर में भारी गिरावट आई, जो AI मॉडल्स के लिए हाई क्वालिटी के चिपसेट तैयार करती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement