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WhatsApp को जिस तरह छोड़ा गया इससे साफ है कि भारतीयों के लिए प्राइवेसी अहम मुद्दा है: Signal चेयरमैन

WhatsApp द्वारा प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किए जाने के बाद दुनियाभर में उसकी आलोचना हो रही है. ऐसे में प्राइवेसी पसंद लोग सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप्स का रुख कर रहे हैं. इस बीच हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे टेक ने सिग्नल फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन Brian Acton से बातचीत की है.

Brian Acton Brian Acton
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST
  • नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है सिग्नल फाउंडेशन
  • ब्रायन एक्टन वॉट्सऐप के भी को-फाउंडर रहे हैं
  • सिगनल का रेवेन्यू मॉडल डोनेशन्स और कंट्रीब्यूशन है

WhatsApp द्वारा प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट किए जाने के बाद दुनियाभर में उसकी आलोचना हो रही है. ऐसे में प्राइवेसी पसंद लोग सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप्स का रुख कर रहे हैं. इस बीच हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे टेक ने सिग्नल फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन Brian Acton से बातचीत की है. इसमें उन्होंने पिछले कुछ दिनों से प्लेटफॉर्म को मिल रही बढ़त और वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी पर इंडियन यूजर्स के रिएक्शन जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं. इस इंटरव्यू में ब्रायन एक्टन ने कहा कि जिस तरह से भारतीय वॉट्सऐप को छोड़ रहे हैं, इससे पता चलता है कि उनके लिए प्राइवेसी काफी महत्वपूर्ण है.

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आपको बता दें ब्रायन एक्टन WhatsApp के को-फाउंडर भी रहे हैं. हालांकि, फेसबुक द्वारा प्लेटफॉर्म के अधिग्रहण किए जाने के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया था. एक्टन ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि सिग्नल का फोकस उन फीचर्स को उपलब्ध कराने में रहेगा, जिसकी जरूरत यूजर्स को है. वॉट्सऐप या किसी और प्लेटफॉर्म जैसे फीचर्स पर हम ज्यादा ध्यान नहीं देंगे. यहां आप पूरे इंटरव्यू में से कुछ सवाल-जवाब देख सकते हैं.

सवाल: पिछले एक हफ्ते में Signal को काफी बढ़त मिली, क्या आप इस पर कोई आंकड़ा बता सकते हैं?

जवाब- ऐप को भारत के हर कोने से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. 70 देशों में iOS ऐप स्टोर चार्ट पर ये ऐप टॉप पर है. साथ ही 50 से ज्यादा देशों में एंड्रॉयड ऐप स्टोर में भी लीडिंग पोजिशन पर है. आज ही हमने एंड्रॉयड पर 50 मिलियन डाउनलोड्स का आंकड़ा पार किया है और इसमें भारतीय यूजर्स की बड़ी संख्या है.

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सवाल: अभी तक किसी भी ऐप ने वॉट्सऐप को चैलेंज नहीं किया था. लेकिन अब हमारे पास सिग्नल है और दोनों ही प्लेटफॉर्म्स को आपस में कंपेयर किया जा रहा है. इसे आप कैसे देखते हैं?

जवाब: मुझे लगता है कि सिग्नल ने अपनी जगह खुद बनाई है. क्योंकि यूजर्स इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे सेफ ऐप के रूप में देखते हैं. हम डेटा कलेक्ट नहीं करते. भारत समेत पूरी दुनिया इसे देख रही है. हमने बेहद थोड़े से समय में ही काफी बड़ा बदलाव देखा है. ऐसे में हम कड़ी मेहनत करेंगे और इसे आगे भी जारी रखेंगे. ताकी सिग्नल में सब सेफ रहें.

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सवाल: सिग्नल का ऐसा कौन सा फीचर है, जिसे आप मानते हैं कि वो वॉट्सऐप से बेहतर है?

जवाब: फिलहाल हम भारत में सबसे पॉपुलर और नंबर 1 ऐप हैं. यानी देश के लिए प्राइवेसी ज्यादा जरूरी है. यानी दूसरे मैसेजिंग ऐप्स की तुलना में प्राइवेसी ही हमारी सबसे बड़ी खूबी है. हम चाहते हैं कि आपका डेटा आपके पास ही रहे. यहां कोई ऐड, कोई ट्रैकर और कोई एनालिटिक्स नहीं है.

सिग्नल स्टेट ऑफ द आर्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करता है. ऐसे में ये आपके मैसेज नहीं पढ़ सकता. ना ही फोटोज को देख सकता है और ना ही आपके कॉल्स को सुन सकता है. यहां तक आपकी प्रोफाइल फोटो तक नहीं देख सकता. सिग्नल की खोज लोगों की बेसिक एक्सपेक्टेशन पूरी करने के उद्देश्य से की गई है कि कोई प्राइवेट कंपनी या कोई भी उन्हें ट्रैक ना कर सके.

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सवाल: वॉट्सऐप अपने काफी अच्छे फीचर्स की वजह से एक पॉपुलर ऐप है. क्या आप वैसे ही फीचर्स सिग्लन में भी लाने की तैयारी में हैं?

जवाब: फिलहाल सिग्नल के इंजीनियर्स उन फीचर्स को ऐप में लाने के लिए काम कर रहे हैं जो यूजर्स द्वारा सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट किए जा रहे हैं. उन्हीं फीचर्स पर काम करना पसंद करेंगे जिनकी मांग हमारे यूजर्स करेंगे. हमारे लिए भारतीय यूजर्स काफी महत्वपूर्ण हैं, हम उन्हें ज्यादा सुनना पसंद करेंगे. फिलहाल हम वॉलपेपर्स लॉन्च करने वाले हैं. पिछले कुछ दिनों में ये मोस्ट रिक्वेस्टेड फीचर है. साथ ही हम ऐप में गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और ऊर्दू जैसी कई भारतीय भाषाओं का भी सपोर्ट जल्द दिया जाएगा. साथ ही नोट टू सेल्फ जैसे कई अलग फीचर्स भी देखने को मिलेंगे.

सवाल: सिग्नल फाउंडेशन एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के तौर पर रजिस्टर्ड है. लेकिन जिस तेजी से यूजर्स बढ़ रहे हैं इससे साफ है कि इसे मेनटेन करने की लागत भी ज्यादा आएगी. ऐसे में आप किस तरह के रेवेन्यू मॉडल की तरफ देख रहे हैं?

जवाब: जो कंपनी प्रॉफिट के लिए बनाई जाती है, उसका उद्देश्य होता है और प्रॉफिट कमाना. सिग्नल एक इंडिपेंडेंट नॉनप्रॉफिट कंपनी है और हमारा उद्देश्य भी अलग है. हमारे लिए लोगों की प्राइवेसी काफी प्रमुख है. हम डोनेशन्स और कंट्रीब्यूशन्स का रेवेन्यू मॉडल अपनाते हैं. हम आगे भी इसे जारी रखेंगे.

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सवाल: भारतीय बाजार के लिए आपका क्या प्लान है? क्या हमें इंडिया स्पेसिफिक फीचर्स फ्यूचर में देखने को मिलेंगे?
 
जवाब: वॉलपेपर्स और एनिमेटेड स्टिकर्स ये दो फीचर हैं, जिनकी डिमांड इंडिया में सबसे ज्यादा की गई. हमने इसे देखते ही पहले हफ्ते में ही डेवलप कर लिया. हम आगे भी ऐप को इंप्रूव करना जारी रखेंगे और यूजर्स की रिक्वेस्ट पर फीचर्स लाएंगे.

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