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आपके फोन का Bluetooth ऑन रहता है? ब्लू बगिंग के जरिए आपका फोन हैक हो सकता है

आज कल सभी स्मार्टफोन में Bluetooth फीचर दिया जाता है, जिसे कई लोग तो हमेशा ऑन ही रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे ऑन रखना आपके लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. दरअसल, इससे यूजर्स बड़े हैकिंग का शिकार हो सकता है. आइए जानते हैं क्या पूरा मामला.

ब्लूटूथ से भी हो सकता है आपका फोन हैक. (फाइल फोटो) ब्लूटूथ से भी हो सकता है आपका फोन हैक. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

सभी स्मार्टफोन में ब्लूटूथ फीचर मिलता है, जो दूसरे प्रोडक्ट जैसे ईयरबड्स, TWS और  स्मार्टवॉच आदि से पेयरिंग की सुविधा देता है. ऐसे में कई लोग इस फीचर को हमेशा ऑन रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे हमेशा ऑन रखना कुछ यूजर्स के लिए बड़ा खतरनाक साबित हो सकता है. इस खतरे के नाम BlueBugging है. 

दरअसल, हैकर्स आपके ब्लूटूथ को सर्च करके, उससे मोबाइल को हैक कर सकते हैं. साथ ही इससे वह मोबाइल से संवेदनशील डेटा और बैंक अकाउंट तक में सेंध लगा सकते है. हैकर्स मोबाइल में स्पाई ऐप्स तक इंस्टॉल कर सकते हैं. ब्लूटूथ ऑन करना प्राइवेसी और सिक्योरिटी दोनों ही तरीकों से खतरनाक साबित हो सकता है. 

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क्या है BlueBugging 

BlueBugging एक प्रकार का हैकिंग टर्म है. यह यूजर्स के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसमें हैकर्स पीड़ित के डिवाइस का एक्सेस लेकर उसके कंटेंट को एक्सेस कर सकता है. साथ ही बैंक ऐप या वॉलेट ऐप का भी एक्सेस ले सकता है. 

BlueBugging  के तहत पीड़ित के फोन में मैलवेयर को इंस्टॉल कर देते हैं. सबसे पहले ओपन ब्लूटूथ देख कर हैकर्स आपके फोन में कनेक्ट होते हैं. दिक्कत वाली बात ये है कि वो आपके फोन के लॉक को भी बायपास कर देते हैं. ऐसे में आपको या किसी विक्टिम को ये नहीं पता चलता है कि किसी ने फोन के साथ कनेक्शन क्रिएट किया है. 

एक बार कनेक्शन क्रिएट करके हैकर्स फोन में मैलवेयर इंजेक्ट करते हैं. इसके बाद फोन की तमाम परमिशन उस मैलवेयर के जरिए हासिल कर ली जाती है. परमिशन लेने के बाद जाहिर है हैकर आपके फोन की तमाम सीक्रेट फोटोज भी देख सकता है. 

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एक बार फोन का कंट्रोल हासिल हो गया तो वो आपकी कॉल रिकॉर्ड करने से लेकर स्क्रीन तक की रिकॉर्डिंग कर सकता है. ब्लू बगिंग के बारे में कई बार पुलिस ने भी वॉर्निंग जारी की है. 

BlueBugging से कैसे करें बचाव 

-- BlueBugging  से बचाव करने के लिए जरूरी है कि यूजर्स किसी भी अनजान डिवाइस से कनेक्सन पेयरिंग रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें. डिवाइस में डेटा ट्रांसफर करने के लिए पहले पेयरिंग रिक्वेस्ट आती है. कई बार बिना पेयरिंग रिक्वेस्ट दिखे ही फोन से कनेक्शन बन जाता है, इसलिए अगर यूज ना हो तो ब्लूटूथ ऑफ रखें. 

-- पहले से जितने पेयर किए हुए डिवाइस हैं जिनका आप यूज नहीं करते, उन्हें हटा दें. 

-- ब्लूटूथ सेटिंग्स में जा कर ऑटो ज्वाइन ऑप्शन भी बंद कर दें, क्योंकि ये आपके लिए सबसे खतरनाक साबित होगा. 

-- ब्लूटूथ कनेक्शन के लिए स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखें, आम तौर पर लोग 1234...  या Password ही रखते हैं, आप ये गलती ना करें और मजबूत पासवर्ड सेलेक्ट करें. 

-- डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अपडेटेड रखें और मुमकिन हो (अगर आपका बजट इजाजत देता है) तो पेड VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करें. 

पब्लिक प्लेस में बंद रखें ब्लूटूथ 

पब्लिस प्लेस में अगर आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उसे ऑफ कर देना चाहिए. इससे यूजर्स की सेफ्टी बरकरार रहेगी. 

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ब्लूटूथ से डाउनलोड होने वाली फाइल चेक करें 

स्मार्टफोन में ब्लूटूथ के जरिए फोन में आने वाले ऐप्स या डेटा एक लोकेशन पर आकर सेव होते हैं. ऐसे में फाइल मैनेजर या फोन की मेमोरी में जाकर उस डेटा को चेक कर सकते हैं, संदिग्थ पाए जाने पर उसे तुरंत डिलीट कर सकते हैं. 

 

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