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5G के बाद भारत में हो रही सैटेलाइट इंटरनेट की तैयारी, सीधे अंतरिक्ष से मिलेगी आपको सर्विस

Satellite Internet: 5G सर्विस के बाद टेलीकॉम इंडस्ट्री में जल्द ही सैटेलाइट इंटरनेट की एंट्री हो सकती है. टेलीकॉम कंपनियां भारत में इसकी शुरुआत की तैयारी में जुट गई हैं. इसकी मदद से यूजर्स को सीधे अंतरिक्ष से इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी. Starlink भी भारत में एंट्री के लिए एक बार फिर कोशिक कर रही है. कंपनी ने लाइसेंस के लिए अप्लाई भी किया है.

Satellite Internet के बारे में वो सब कुछ जो आपको जरूर जानना चाहिए (प्रतीकात्मक फोटो) Satellite Internet के बारे में वो सब कुछ जो आपको जरूर जानना चाहिए (प्रतीकात्मक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

5G सर्विस भारत में लॉन्च हो चुकी है. 5G के साथ-साथ एक और सर्विस पर टेलीकॉम कंपनियां काम कर रही हैं. इस सर्विस की मदद से रिमोट और रूरल एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाई जा सकेगी. हम बात कर रहे सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस की. इस तरह की टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स की लिस्ट में Elon Musk केे Starlink का भी नाम शामिल है.

वैसे तो Elon Musk की स्टारलिंक कंपनी दुनियाभर के कई देशों में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करती है. कंपनी भारतीय बाजार में एंट्री की तैयारी में लगी हुई है. वहीं जियो और एयरटेल भी इस रेस में शामिल हैं.

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भारती एयरटेल और Hughes के जॉइंट वेंचर OneWeb और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स लिमिटेड भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस शुरू करने की तैयारी में हैं. वहीं Elon Musk की SpaceX ने भी भारत में लाइसेंस के लिए दोबारा अप्लाई किया है. आइए जानते हैं सैटेलाइट इंटरनेट क्या है और ये कैसे काम करेगा. 

क्या होगा सैटेलाइट इंटरनेट का फायदा?

सैटेलाइट इंटरनेट की मदद से रिमोट और रूरल एरिया में भी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड की जा सकेगी. इसमें यूजर्स को फाइबर और सेल टावर के मुकाबले ज्यादा आसान कनेक्टिविटी मिलती है. इसकी मदद से उन एरिया में भी सर्विस पहुंचाई जा सकती है, जहां फाइबर और सेल टावर की सर्विस नहीं पहुंची है.

कैसे काम करेगी ये टेक्नोलॉजी?

बात करें कि ये इंटरनेट कैसे काम करता है, तो इसे समझना बहुत सिंपल है. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स स्पेस में मौजूद सैटेलाइट्स को इंटरनेट सिग्नल भेजते हैं, यूजर्स तक रिसीवर की मदद से पहुंचता है.

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रिसीवर या डिश को एक मॉडम से कनेक्ट किया जाता है, जो आपके कम्प्यूटर या दूसरे डिवाइसेस से कनेक्ट होता है. सामान्य भाषा में कहें तो ये प्रॉसेस उसी तरह से काम करता है, जिस तरह से आपके घरों में मौजूद टीवी को सिग्नल पहुंचाया जाता है. 

कितनी होती है सैटेलाइट इंटरनेट की स्पीड? 

शुरुआत में इस तरह के इंटरनेट कनेक्शन में आपको ज्यादा स्पीड नहीं मिलती थी, लेकिन वक्त से साथ इनकी स्पीड बेहतर हो रही है. Elon Musk के Satrlink सर्विस की बात करें तो यूजर्स को 50Mbps से 200Mbps की स्पीड से इंटरनेट मिलता है.

हालांकि, इसमें आपको लेटेंसी ज्यादा देखने को मिल सकती है. वहीं सैटेलाइट इंटरनेट पर मौसम का भी असर पड़ेगा. जिस तरह से खराब मौसम में टीवी कनेक्शन मिलने में दिक्कत होती है, उसी तरह से दिक्कत सैटेलाइट इंटरनेट के साथ भी हो सकती है.

इमरजेंसी में ये काफी मददगार होते हैं. इसका एक बड़ा उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध है. जहां यूक्रेन में Starlink ने इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर को बचाने में काफी मदद की है.

 

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