
संसद के विशेष सत्र को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. इस विशेष सत्र की आधिकारिक वजह अब तक सामने नहीं आई है, लेकिन मंगरवार को आई एक जानकारी से हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. माना जा रहा है कि सरकार इस विशेष सत्र में देश का नाम भारत (India हटाने का) किए जाने का प्रस्ताव रख सकती है.
देश के नाम को India से भारत करने की मांग कई बार उठ चुकी है. हालांकि, देश के ये दोनों ही नाम संविधान में हैं. ऐसे में इंडिया नाम को हटाने से कई बदलाव हो सकते हैं. इसमें से एक बदलाव देश की तमाम वेबसाइट्स पर पड़ सकता है. वे सभी वेबसाइट्स, जो .in डोमेन पर काम कर रही हैं, उन्हें बदला जा सकता है.
हालांकि, वेबसाइट्स का ये बदलाव अभी सिर्फ चर्चा का मामला है. क्योंकि ये पूरी तरह से किसी देश पर निर्भर करता है कि वो अपने TLD (टॉप लेवल डोमेन) को क्या रखता है. ऐसे में हम उन सभी संभावनाओं पर चर्चा करेंगे, जो देश का नाम इंडिया ना रहने पर हो सकती हैं.
अगर तमाम इंडियन वेबसाइट्स या जिन वेबसाइट के आखिर में .in लगा है, क्या BHARAT नाम होने के बाद ठप हो जाएंगी? क्योंकि सभी देशों की वेबसाइट्स का आखिर में उनका एक कोड होता है जैसे भारत का IN है. अगर BHARAT होता है कि आखिर में Bh लगाया जा सकता है. ऐसे में पुराने .in डोमेन का क्या होगा, आइए जानते हैं.
किसी भी देश के नाम बदलने पर उसके टॉप लेवल डोमेन यानी TLD पर भी असर पड़ सकता है. ये असर देश के लिए फैसले से पड़ेगा. TLD एक दो अक्षर का डोमेन होता है, जो किसी देश की पहचान से जुड़ा होता है. जैसे अमेरिका में .us, यूनाइटेड किंगडम में .uk, जर्मनी में .de का इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई देश अपना नाम बदलता है, तो TLD पर भी इसका असर पड़ सकता है. हम इन संभावनाओं पर चर्चा करेंगे.
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सबसे पहली संभावना जो सामने आती है, वो है TLD का बदला जाना. अगर कोई देश अपना नाम X से बदलकर Y करता है, तो वो अपने TLD को भी .cx से बदलकर .cy कर सकता है. इस ट्रांजेक्शन के लिए Internet Assigned Numbers Authority (IANA) और ICANN के सहयोग की जरूरत होती है. ये ऑर्गेनाइजेशन्स ग्लोबली डोमेन नेम और IP ऐड्रेस को मैनेज करती हैं.
एक केस ये भी है कि देश पूरी तरह से अपने TLD को पहले वाला ही रखे. यानी एक देश अपने नाम को तो X से बदलकर Y कर लेता है, लेकिन अपने TLD को .cx ही रखता है. इसका एक उदाहरण चेक रिपब्लिक है, जिसने साल 2016 में अपना नाम चेक रिपब्लिक के बदलकर चेकिया कर लिया, लेकिन TLD को .cr ही रहने दिया.
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किसी देश के TLD बदलने पर भी कई पहलुओं पर ध्यान देना होगा. सबसे पहला सवाल आता है कि डोमेन नेम बदलने से मौजूदा वेबसाइट्स की रैकिंग पर क्या असर होगा? इसके अलावा ये ट्रांजिशन कैसे होगा.
ऐसी स्थिति में ट्रांजिशन के दौरान दोनों ही TLD उपलब्ध होंगे और उन्हें माना जाएगा. इसके लिए पुराने TLD को नए पर रिडायरेक्ट किया जा सकता है. इसके लिए मौजूदा वेबसाइट ओनर्स को वक्त चाहिए होगा और ये प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी.
देश में मौजूद डोमेन ओनर्स को अपने डोमेन नेम को अपडेट करना होगा. अगर कोई ओनर डोमेन चेंज करता है तो उसकी वेबसाइट का URL, ईमेल ऐड्रेस और दूसरी आइडेंटिटी बदल जाएंगी.
इसके अलावा TLD को बदलने की दशा में अंतरराष्ट्रिय बॉडीज और ऑर्गेनाइजेशन्स से बातचीत करनी पड़ती है, जिससे इस माइग्रेशन को स्मूद बनाया जा सकता है.
इतना ही नहीं डोमेन रजिस्ट्रार समेत इंटरनेशनल कम्युनिटी को इस बदलाव को मानना और लागू करना होगा. डोमेन रजिस्ट्रार और होस्टिंग प्रोवाइडर्स को अपने सिस्टम को नए TLD पर अपडेट करना होगा. इस प्रॉसेस में वक्त लगेगा.