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WhatsApp के बिकने पर छलका पूर्व बिजनेस हेड का दर्द, कभी कराई थी डील, कहा- अब पछतावा होता है

WhatsApp आज फेसबुक का हिस्सा है, लेकिन कभी इसकी राहें फेसबुक से अलग थीं. साल 2014 में फेसबुक ने 22 अरब डॉलर में वॉट्सऐप को खरीदा था. उस वक्त कंपनी के चीफ बिजनेस ऑफिसर नीरज अरोरा थे. अरोरा ने अब ट्वीट कर उस वक्त हुई डील पर पछतावा जताया है.

WhatsApp WhatsApp
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2022,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST
  • साल 2014 में फेसबुक ने खरीदा था WhatsApp
  • 22 अरब डॉलर में हुई थी डील
  • कई सालों से फेसबुक वॉट्सऐप को खरीदना चाहता था

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट यानी Twitter का बिकना पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में है. इन चर्चाओं के बीच इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp के पूर्व चीफ बिजनेस ऑफिसर Neeraj Arora ने वॉट्सऐप के बिकने पर दुख जताया है. साल 2014 में Facebook (जो अब Meta हो गया है) ने 22 अरब डॉलर में वॉट्सऐप को खरीदा था.

नीरज अरोरा ने उस वक्त वॉट्सऐप खरीदने में Mark Zuckerberg की मदद की थी. उन्होंने कहा है कि अब उन्हें इस बात का अफसोस है. Facebook ने मल्टी डॉलर डील में वॉट्सऐप को जब खरीदा था, उस वक्त ऐप को लॉन्च हुए महज 5 साल हुए थे. जबकि अरोरा तीन साल से कंपनी से जुड़े हुए थे.

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क्या है पूर्व अधिकारी का दर्द

कई सारे ट्वीट कर नीरज ने उस वक्त की स्थिति, डील और फेसबुक के किए वादों की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि जिस वक्त वॉट्सऐप के को-फाउंडर Brain Acton को ऐप बेचना पड़ा था, उस वक्त कंपनी के क्या हालात थे. 

अरोरा ने ट्वीट में लिखा, 'साल 2014 में मैं वॉट्सऐप का चीफ बिजनेस ऑफिसर था और मैंने 22 अरब डॉलर में फेसबुक के साथ हुई डील में नेगोशिएशन में मदद की थी. आज मुझे उसके लिए पछतावा होता है.'

अरोरा के मुताबिक, फेसबुक ने साल 2012/2013 में वॉट्सऐप को खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन ऐप ने उनके ऑफर को मना कर दिया था. हलाांकि, साल 2014 में फेसबुक ने फिर वॉट्सऐप को अप्रोच किया. 

Facebook ने क्या वादे किए थे? 

अरोरा की मानें तो साल 2014 में हुई डील के वक्त फेसबुक का ऑफर पार्टनरशिप की तरह लगा था. मार्क की कंपनी यानी फेसबुक ने WhatsApp को खरीदने के लिए ऐसे वादे किए थे. 

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  • एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का फुल सपोर्ट 
  • कोई ऐड नहीं 
  • प्रोडक्ट पर स्वतंत्र फैसले लेना
  • Jan Koum (वॉट्सऐप को-फाउंडर और फॉर्मर सीईओ) के लिए बोर्ड सीट 
  • माउंटेन व्यू ऑफिस 

अरोरा ने कहा कि फेसबुक ने दावा किया था कि वह वॉट्सऐप के बिना गेम, ऐड्स और गिमिक के सर्विस प्रोवाइड करने के मिशन को सपोर्ट करेगा. उन्होंने बताया कि फेसबुक ने यूजर्स डेटा की माइनिंग ना करने, कोई ऐड नहीं जोड़ने और क्रॉस प्लेटफॉर्म ट्रैकिंग नहीं करने की बात कही थी. 'बेशक, जो हुआ नहीं.'

WhatsApp के पूर्व चीफ बिजनेस ऑफिसर ने बताया, 'आज वॉट्सऐप फेसबुक का दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है, लेकिन यह उस प्रोडक्ट की छाया है जो हम दुनिया को देना चाहते थे.' फेसबुक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'शुरुआत में कोई नहीं जानता था कि फेसबुक Frankenstein monster बन जाएगा, जो यूजर्स के डेटा निगलेगा.' 

नीरज अरोरा फिलहाल Hallo App के को-फाउंडर हैं, जिसने Brain Acton की  Sequoia Capital से फंड लिया है. यह ऐप अपने सब्सक्राइबर्स से सर्विस के बदलने फीस लेगा, जो 2 डॉलर से 5 डॉलर प्रति माह हो सकती है.

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