
दुनियाभर की कई दिग्गज टेक कंपनियों के CEO भारतीय या भारतीय मूल के लोग हैं. Microsoft हो, Google हो या फिर IBM सभी जगहों पर भारतीय मूल के बड़े अधिकारी मौजूद हैं. इस लिस्ट में अब YouTube का नाम भी जुड़ गया है. YouTube के नए CEO नील मोहन हैं.
नील 9 साल से YouTube की CEO रही Susan Wojiciki को रिप्लेस कर रहे हैं. Susan ने एक लेटर लिखकर अपनी इस्तीफे की जानकारी दी है. उन्होंने अपने लेटर में बताया कि वह अपने जीवन का एक नया चैप्टर शुरू करने जा रही हैं. वह अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट को लेकर कुछ नया काम करेंगी.
Susan पिछले 9 साल से YouTube की CEO थीं. उन्हें रिप्लेस करने वाले Neal Mohan पिछले कई साल से YouTube से जुड़े हुए हैं. नील पहले भी कंपनी में बड़ी भूमिका निभा रहे थे. आइए जानते हैं नील मोहन के बारे में कुछ खास बातें.
>> नील मोहन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं.
>> उन्होंने साल 2008 में Google जॉइन किया था.
>> इसके बाद उन्हें साल 2015 में YouTube का चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बनाया गया.
>> उन्होंने YouTube के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को लीड किया है. यहां उन्होंने टॉप नॉच प्रोडक्ट और UX टीम तैयार की.
>> YouTube TV से लेकर YouTube Music, प्रीमियम और Shorts तक की लॉन्चिंग में नील मोहन और उनकी टीम का बड़ा रोल था.
>> नील ने इससे पहले Microsoft के साथ भी काम किया है.
>> इससे पहले उन्होंने लगभग 6 साल तक DoubleClick के लिए काम किया था.
>> साल 2007 में गूगल ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया.
>> इसके बाद उन्होंने लगभग 8 साल तक गूगल के डिस्प्ले और वीडियो एडवर्टाइजमेंट के वॉयस प्रेसिडेंट के तौर पर काम किया.
नील मोहन भारतीय मूल के अमेरिकी हैं. उनकी शादी हिमा सरीन मोहन से हुई है. YouTube के CEO बनने के साथ नील मोहन भारतीय मूल की CEO की लिस्ट का हिस्सा बन गए हैं. इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, Adobe के सीईओ शांतनु नारायण और Alphabet के CEO सुंदर पिचाई शामिल हैं.
साल 2013 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने नील मोहन को 10 करोड़ डॉलर के स्टॉक्स दिए थे. गूगल ने ये फैसला नील को Twitter में जाने से रोकने के लिए किया था. DoubleClick के CEO और गूगल एक्जीक्यूटिव David Rosenblatt ने साल 2010 में Twitter जॉइन किया था.
रिपोर्ट्स की मानें तो वो नील मोहन को उस वक्त Twitter के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर जॉइन करने का ऑफर आया था, लेकिन उन्होंने अपने पुराने बॉस David Rosenblatt को इस ऑफर के लिए मना कर दिया. उस वक्त गूगल ने उन्हें 10 करोड़ डॉलर स्टॉक्स के रूप में दिए थे.