
क्या AI इंसानों को रिप्लेस करेगा? ये बहस AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पॉपुलर होने के साथ ही शुरू हुई है. वैसे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस काफी पहले से मौजूद है, लेकिन आम लोगों तक इसकी चर्चा इस साल की शुरुआत से पहुंची है. ऐसे में लोगों का सबसे बड़ा डर नौकरी जाने का है.
सोशल मीडिया हो या फिर कोई आम बैठक लोग अक्सर AI की वजह से जॉबलेस होने पर चर्चा करते मिलते हैं. कुछ लोगों की नौकरी पर इसका असर पड़ना शुरू भी हो गया है. हाल में ही एक महिला ने माना है कि उनकी नौकरी जाने की वजह ChatGPT है, लेकिन ऐसा कहने वाली वो अकेली नहीं हैं.
महिला ने बताया कि वह एक कॉपी राइटर और स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं. वो कंटेंट राइटिंग का काम बतौर फ्रीलांसर करती थी, लेकिन AI की वजह से उनका काम छिन गया है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनके लिए काम कम होना शुरू हुआ. उनके कम काम मिलने लगे, जिसके बाद उन्हें अपनी ही क्षमताओं पर संदेह होने लगा.
मगर उन्हें कम काम मिलने की पीछे की वजह AI पावर्ड ChatGPT है. क्योंकि क्लाइंट्स कॉस्ट कटिंग के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके ज्यादातर क्लाइंट्स छोट कारोबारी, स्टार्टअप और नए ब्रांड्स थे. इन सभी ने धीरे-धीरे AI की मदद लेना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से उनके पास काम नहीं है.
उन्होंने कई इंटरव्यू दिए, लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली. इस वजह से वो कई महीनों से बेरोजगार हैं. ChatGPT की वजह से नौकरी गंवाने वालों की लिस्ट लंबी है. कई लोग इसके बारे में सोशल मीडिया पर लिख चुके हैं. Open AI ने ChatGPT को पिछले साल नवंबर में लॉन्च किया था.
लॉन्च के कुछ ही दिनों में इसकी पॉपुलैरिटी तेजी से बढ़ने लगी. कुछ ही वक्त में इस पर 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स पहुंच गए. आलम ये रहा कि गूगल को आनन फानन में अपना AI बॉट Bard लॉन्च करना पड़ा. मगर गूगल बार्ड को अब तक वैसे पॉपुलैरिटी नहीं मिली, जैसे OpenAI के ChatGPT को मिली है.