
ऑनलाइन सेल्स ने लोगों की शॉपिंग का तरीका बदल दिया है. जहां पहले लोग ऑफलाइन मार्केट में जाकर कोई सामना खरीदते थे. अब पेमेंट से लेकर शॉपिंग तक सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है. यहां तक की जो लोग किसी सामान को खरीदने से पहले उसके हर तरफ से चेक करते थे, वे भी ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं.
इसकी बड़ी वजह ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर मिलने वाला डिस्काउंट है. iPhone की ही बात करें तो फ्लिपकार्ट-ऐमेजॉन पर 50 हजार रुपये से कम में iPhone 13 बिका है.
सवाल है कि ये कंपनियां कहां से प्रोडक्ट लाती हैं, जो इसकी कम कीमत पर बेच पाती है. इसके कम कीमत पर कोई प्रोडक्ट बेचकर इन्हें मुनाफा कैसे होता है. आइए जानते हैं क्या है इस पूरे प्रॉसेस का बिजनेस कॉन्सेप्ट.
MSMEs को बढ़ावा देकर ऐमेजॉन और फ्लिपकार्ट सस्ते में ज्यादा सामान बेच पाते हैं. MSMEs का मतलब माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइसेस. इनकी वजह से ई-मार्केट प्लेस पर प्रोडक्ट्स सस्ते में मिलते हैं.
दोनों ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स सस्ते में सामान बेचने के लिए लोकल बिजनेस ओनर्स और दूसरे MSMEs से संपर्क करते हैं. हाल में ही ऐमेजॉन ने बताया था कि करोड़ों कंज्यूमर्स MSMEs और लोकल बिजनेस के प्रोडक्ट्स को पसंद कर रहे हैं.
किसी भी कंपनी की वेबसाइट पर देखेंगे तो वहां प्रोडक्ट की कीमत Amazon-Flipkart से ज्यादा होती है. फिर सवाल आता है कि ये कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर सस्ते में क्यों बेचती हैं? इसकी वजह ज्यादा सामान बेचकर ज्यादा मुनाफा कमाना है.
यहां अपने मार्जिन को कम करके ब्रांड्स ज्यादा प्रोडक्ट बेच पाते हैं. दूसरा ऐमेजॉन या फ्लिपकार्ट पर उन्हें एक बड़ा कंज्यूमर्स का समूह मिलता है. इस तरह के हर प्रोडक्ट पर ब्रांड्स का मुनाफा भले ही कम हो, लेकिन उनका ओवरऑल प्रॉफिस सेल बढ़ने के साथ बढ़ जाता है.
चूंकि हर सेल में किसी ना किसी बैंक के कार्ड पर डिस्काउंट मिलता है. इसका फायदा भी कंपनियों को मिलता है. दरअसल, सेल में जो प्राइस शो किया जाता है, वो सभी डिस्काउंट के बाद का होता है. इसमें बैंक ऑफर भी शामिल होता है. इसकी वजह से कंपनियां सस्ते में अपना सामान बेच पाती हैं.