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Google के अंत की शुरुआत! वो एग्रीमेंट जिसने बनाया कंपनी को बादशाह, टूट गया तो क्या होगा?

Samsung Replacing Google: सोमवार को Google की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc के शेयर में गिरावट दर्ज की गई. गिरावट की वजह एक खबर है. कुछ रिपोर्ट्स आई कि सैमसंग अपने फोन्स में से गूगल को डिफॉल्ट ब्राउजर से हटाकर Bing को जगह दे सकता है. इसके बाद अल्फाबेट के शेयर में गिरावट आई है. आइए जानते हैं क्या सैमसंग ऐसा कर सकता है.

Samsung की वजह से क्यों हुआ गूगल को नुकसान? Samsung की वजह से क्यों हुआ गूगल को नुकसान?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:50 AM IST

Google की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc के लिए इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी नहीं रही है. कंपनी के शेयर में सोमवार को लगभग 4 परसेंट तक की गिरावट दर्ज की गई और ये अभी भी जारी है. अल्फाबेट के शेयर में गिरावट की शुरुआत एक खबर से हुई थी. रिपोर्ट आई थी कि सैमसंग अपने फोन्स से गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन से रिमूव कर सकता है.

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Samsung के फोन में फिलहाल डिफॉल्ट सर्च इंजन Google है, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो ब्रांड इसे Microsoft Bing से रिप्लेस कर सकता है. इस खबरे के आने बाद गूगल की पैरेंट कंपनी के शेयर में गिरावट आई है. मगर Samsung के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं होगा. कम से कम अमेरिकी मार्केट में तो ऐसा ही है. 

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क्यों Samsung नहीं कर सकता Google को रिप्लेस?

Twitter पर Andreas Proschofsky ने इस दावे को लेकर एक पॉइंट उठाया. उनके मुताबिक सभी एंड्रॉयड OEMs को मोबाइल ऐप्लिकेशन डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) साइन करना होता है.

ये एग्रिमेंट Google Play Store को लेकर होता है. अगर कोई मोबाइल मैन्युफैक्चर्र अपने फोन में Google Play Store और दूसरे Google Apps चाहता है, तो उन्हें ये एग्रीमेंट साइन करना होगा. 

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It's breathtaking how many news sites, based on original reporting by the @nytimes, have now reported on Samsung pondering to drop Google as a a default search engine and not a *single* one of them asking the question if this would even be possible. It's not. 🧵

— Andreas Proschofsky (@suka_hiroaki) April 17, 2023

इस एग्रीमेंट के तहत एंड्रॉयड स्मार्टफोन मेकर्स को Google Search को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाना होगा. ऐसे में अगर सैमसंग गूगल प्ले स्टोर अपने फोन्स में चाहती है, तो उसे Google को डिफॉल्ट सर्च इंजन रखना होगा. वो माइक्रोसॉफ्ट बिंग पर स्विच नहीं कर सकती है. 

कैसे पलट जाएगी पूरी कहानी?

इस कहानी में ट्विस्ट इसलिए आया क्योंकि MADA रूल हर जगह लागू नहीं होता है. यूरोप ने साल 2018 में गूगल पर 5 अरब डॉलर का एंटी-ट्रस्ट फाइन लगाया. ऐसे में यूरोप में कंपनी गूगल ऐप्स और प्ले स्टोर के साथ गूगल सर्च और क्रोम को डिफॉल्ट सर्च इंजन और ब्राउजर बनाने के लिए फोर्स नहीं कर सकती है.

ऐसा ही कुछ भारत में भी होता दिख रहा है. भारत ने भी गूगल पर कंपटीशन खत्म करने को लेकर फाइन लगाया था. इतना ही नहीं भारत में भी यूरोप की तरह ही गूगल नया एग्रीमेंट ला रहा है.

इसके तहत किसी भी एंड्रॉयड फोन में सिर्फ Google Play Store प्री-इंस्टॉल्ड रहेगा. इसके अलावा यूजर्स के पास डिफॉल्ट ब्राउजर चुनने की आजादी होगी. 

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...तो गूगल को उल्टा देने होंगे पैसे?

ऐसे में अगर Samsung अपने फोन्स में Bing को डिफॉल्ट सर्च ब्राउजर दुनियाभर में नहीं बना सकती है. इसके बाद भी गूगल के लिए रिस्क बना हुआ है. ऐसे देश जहां MADA गूगल के वर्जन से अलग है.

वहां कंपनी को डिफॉल्ट सर्च इंजन Google को बनाए रखने के लिए स्मार्टफोन कंपनियों को पैसे देने होंगे. ऐसे में सैमसंग और दूसरे ब्रांड्स Bing या फिर किसी दूसरे ऑप्शन को डिफॉल्ट सर्च इंजन बना सकते हैं.

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