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आप भी इंटरनेट पर सर्च करते हैं डॉक्टर के अपॉइंटमेंट... इस वकील की तरह ठगी के होंगे शिकार, न करें ये गलती

Tips For Cyber Security: इंटरनेट पर एक गलती की वजह से आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है. ऐसा ही कुछ दिल्ली में एक वकील के साथ हुआ. उन्होंने इंटरनेट के जरिए एक हॉस्पिटल का नंबर खोजा था, लेकिन एक गलती की वजह से स्कैमर्स उनके अकाउंट से 99 हजार उड़ा ले गएं. अगर आप भी इंटरनेट यूजर हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.

एक गलती से खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट एक गलती से खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

इंटरनेट या फिर वेब... जो भी कहें ये किसी जाल से कम नहीं है. जानकारियों का ही नहीं इंटरनेट स्कैमर्स के बिछाए ट्रैप्स का भी एक जाल है. जहां एक गलती आपको कंगाल बना सकती है. दरअसल, डिजिटल होती जा रही इस दुनिया में लोग इंटरनेट पर तमाम सवालों के जवाब खोजते हैं. चाहे किसी डॉक्टर का नंबर चाहिए हो या फिर किसी बैंक का कस्टमर-केयर नंबर. 

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इंटरनेट पर लोगों की ये तलाश कभी भी कई बार उन्हें स्कैमर्स के जाल में फंसा देती है. ऐसा ही कुछ दिल्ली के एक सरकार वकील के साथ हुआ है. तीस हजारी कोर्ट के एडिशनल प्रॉसिक्यूटर केपी सिंह डॉक्टर के यहां अपॉइंटमेंट के लिए इंटरनेट पर हॉस्पिटल का नंबर तलाश रहे थे. उन्हें जो नंबर मिला वो हॉस्पिटल का ना होकर एक स्कैमर्स का निकला

स्कैमर ने उन्हें अपने जाल में फंसाया और फिर उनके बैंक अकाउंट से 99,909 रुपये उड़ा ले गया. हालांकि, पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जांच में पाया गया है कि आरोपी एक गैंग चला रहा था, जो इंटरनेट के जरिए लोगों से ठगी करते थे. आइए जानते हैं स्कैमर्स के इस जाल से आप कैसे बच सकते हैं. 

कैसे स्कैमर्स करते हैं पूरा खेल? 

दरअसल, स्कैमर्स सभी पॉपुलर हॉस्पिटल और दूसरी सर्विसेस के लिए फेक वेबसाइट्स क्रिएट करते हैं. ना सिर्फ हॉस्पिटल बल्कि पैकर्स एंड मूवर्स और दूसरी जरूरी सर्विसेस के नाम से इन्होंने फेक वेबसाइट्स क्रिएट की होती हैं. जैसे ही कोई यूजर इन सर्विसेस या कीवर्ड से जुड़े सर्च करता है, तो उन्हें सर्च रिजल्ट में ये फेक वेबसाइट्स भी दिखती हैं. 

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इसके बाद यूजर्स इन पर दिए हुए नंबर्स पर कॉल करते हैं और यहां से शुरू होता है स्कैमर्स का असली खेल. स्कैमर्स अलग-अलग तरीकों से लोगों के अकाउंट को एक्सेस करने की कोशिश करते हैं. तीस हजारी के वकील वाले मामले में स्कैमर्स ने एक रिमोट एक्सेस मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड करवाया. 

इस तरह के ऐप्लिकेशन के जरिए स्कैमर्स को आपके फोन का एक्सेस मिल जाता है. इसके बाद किसी भी मिनिमम अकाउंट का एक छोटा ट्रांजेक्शन कराया जाता है, जिससे उन्हें आपके बैंकिंग क्रेडेंशियल्स मिल जाएं. इन डिटेल्स को यूज करके स्कैमर्स आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं. 

कैसे बच सकते हैं आप? 

इंटरनेट पर बचाव का एक मात्र तरीका आपकी सतर्कता है. आप जितना ज्यादा सतर्क रहेंगे, उतने ही सुरक्षित रहेंगे. इंटरनेट पर सर्च करते हुए हमेशा किसी भी संस्था की आधिकारिक वेबसाइट से ही आपको फोन नंबर लेना चाहिए. किसी भी अनजान शख्स से अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर ना करें. 

>> किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें. 

>> ना ही किसी के कहने पर अनजान ऐप्स को डाउनलोड करें. 

>> अगर जरूरी हो तो किसी सर्विस के लिए ऐप को प्ले स्टोर या फिर ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड करें. 

>> स्कैमर्स के भेजे गए लिंक पर क्लिक करके ऐप को डाउनलोड ना करें. 

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>> अपना OTP कभी भी अनजान शख्स से शेयर ना करें. 

इन तरीकों को ध्यान में रखकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. इसके अलावा हमेशा किसी जानकारी के लिए एक सोर्स पर ही निर्भर ना रहें. बल्कि मल्टीपल सोर्स से क्रॉस चेक करें.

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