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251 रुपये में स्मार्टफोन, देश भर ने कैसे इस झूठ को माना सच, Scam 251 की Inside Story

Freedom 251 scam: अगर आपसे एक फोन खरीदने के लिए कहा जाए, तो सबसे पहला सवाल आता है बजट का. क्या हो अगर ऐसे बजट में आपको फोन मिल जाए, जिसकी कभी कल्पना ही नहीं की गई हो. ऐसा एक फोन लेकर साल 2016 में Ringing Bells कंपनी आई थी. फोन की कीमत थी 251 रुपये और इस झूठे फोन की देश ही नहीं दुनियाभर में भी चर्चा हुई.

SCAM 251 की कहानी क्या है? SCAM 251 की कहानी क्या है?
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

18 फरवरी 2016 वो तारीख जब लोगों को लगा कि 251 रुपये में बहुत कुछ खरीदा जा सकता है. एक कंपनी जो ऐसा ख्वाब लेकर आई थी, जिसकी अब तक सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है. लेकिन पहली बार लोगों को लगा कि 251 रुपये में क्या नहीं मिल सकता है. आप से आज पूछा जाए कि 250 रुपये में क्या मिलता है? तो क्या जवाब देंगे? 

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वैसे तो इतनी कीमत में बहुत कुछ मिलेगा लेकिन एक स्मार्टफोन तो नहीं मिल सकता है. कुछ साल पहले एक कंपनी ने ऐसा ही कुछ ऐलान किया था. शायद इन लाइन्स को पढ़कर आपके दिमाग में उस कंपनी और फोन की यादें ताजा होने लगी हों. हम बात कर रहे हैं Freedom 251 की. एक ऐसा स्मार्टफोन जिसकी कीमत 251 रुपये थी. 

Ringing Bells प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी ने इस स्मार्टफोन का ऐलान किया था. साल 2016 की शुरुआत में कंपनी ने एक ऐसे स्मार्टफोन का ऐलान किया, जिसकी सिर्फ कल्पना की जा सकती थी और ये स्मार्टफोन अब तक सिर्फ कल्पना ही बना हुआ है. कंपनी ने ऐलान किया कि वह 251 रुपये में एक स्मार्टफोन लेकर आ रहे हैं. 

वैसे तो 2016 में महंगाई आज जितनी नहीं थी, लेकिन इतनी कम भी नहीं थी कि एक स्मार्टफोन 251 रुपये में आ जाए. कंपनी ने जब इस स्मार्टफोन का ऐलान किया, तो उन्हें काफी ज्यादा हाइप मिला. हाइप के साथ ही लोगों की नजर इस ब्रांड पर भी गई. कंपनी 18 फरवरी को अपने स्मार्टफोन को पेश किया था. इसकी चर्चाएं इस कदर थी कि भारत ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी इस फोन की बात हो रही थी. 

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251 के फोन में मचा दिया था तहलका

कंपनी ने ऐलान किया था कि 251 रुपये उसका प्रमोशनल प्राइस है जो 18 फरवरी से 21 फरवरी तक के लिए ही है. इसके लिए बहुत से यूजर ने ऑनलाइन बुकिंग करनी थी. फोन को बुक करने के लिए पहले दिन इतने लोग इसकी वेबसाइट पर पहुंचे कि वो क्रैश हो गई. शायद कंपनी को भी इसका अंदाजा नहीं था कि उन्होंने कितना बड़ा वादा कर दिया है. 

कंपनी ने इस फोन का रेगुलर प्राइस 500 रुपये बताया था, जो उस वक्त के हिसाब से कोई ज्यादा नहीं था. ऐसे दौर में जब एक फीचर फोन के लिए 1000 रुपये खर्च करने पड़ते हों. वहां कैमरा, टच स्क्रीन और एंड्रॉयड जैसे फीचर्स के साथ 500 रुपये में एक स्मार्टफोन का मिलना किसी लॉटरी की तरह ही था. 

Ringing Bells ने जून 2016 तक 50 लाख फोन्स बेचने का टार्गेट रखा था, लेकिन पहले दिन ही वेबसाइट क्रैश हो गई. हालांकि, इसके बाद भी कंपनी ने 30 हजार ऑर्डर ले लिए थे. बुकिंग क्लोज करते हुए कंपनी ने दावा किया था कि उन्हें 1.75 करोड़ यूनिट्स का प्रीऑर्डर मिला है. 

वो इंतजार जो खत्म ही नहीं हुआ

जांच में पाया गया है कंपनी ने जो प्रोटोटाइप दिखाया था, वो कोई और ही फोन था. ब्रांड ने Adcom के फोन पर Freedom का कलेवर चढ़ा कर लोगों को दिखाया था. हालांकि, कंपनी ने अपना फोन कुछ लोगों को रिव्यू के लिए भी भेजा था और जो फोन यूजर्स के हाथ आया वो बिलकुल ही अलग था. 

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लोगों की मानें तो कंपनी ने देसी ब्रांड बोलकर एक चाइनीज फोन पकड़ा दिया था. फोन देखने में किसी चीनी फोन की सस्ती कॉपी जैसा था. ऐसा लगता था कि पुराने फोन पर किसी नए की ब्रांडिंग चढ़ाई गई हो.

बहुत से लोगों ने इस फोन को ऑर्डर किया था, लेकिन ये किसी को मिला नहीं. वहीं कंपनी ने शुरुआत में 30 हजार लोगों को प्रीऑर्डर अमाउंट वापस करने की बात भी कही थी. कंपनी ने कहा था कि जब फोन डिलीवर होगा, तब भी वे पेमेंट लेंगे, लेकिन Freedom 251 कभी डिलीवर हुआ ही नहीं.

जब कंपनी पर पड़ा छापा

20 फरवरी 2016 को कंपनी के ऑफिसेस पर छापा पड़ा. कंपनी ने जो प्रोडक्ड पेश किया था, उसे BIS सर्टिफिकेशन नहीं मिला था. दरअसल, भारत में किसी स्मार्टफोन या दूसरे प्रोडक्ट को लॉन्च करने के लिए कंपनी को Bureau of Indian Standards के सर्टिफिकेशन की जरूरत पड़ती है. कंपनी के डायरेक्टर मोहित गोयल और प्रेसिडेंट अशोक चड्ढा के खिलाफ IPC की धारा-420 के तरह के मामला दर्ज हुआ. 

दरअसल, इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन का मानना था कि एक रियल स्मार्टफोन की कीमत कम से कम 3500 रुपये होगी. इससे कम कीमत पर कोई स्मार्टफोन बेचना संभव ही नहीं है. इसके बाद ICA ने तत्कालीन टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद से मामले में दखल देने का अग्रह किया था. ICA ने मंत्री से ये भी शिकायत की थी कि प्रोडक्ट के लॉन्च इवेंट में सरकार के सीनियर मंत्री मौजूद थें. 

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टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने जांच में पाया कि फोन को 2300 रुपये से कम में बना और बेच पाना संभव नहीं है. इसके अलावा Ringing Bells पर लोगों से फ्रॉड और कस्टमर्स को रिफंड नहीं देने का भी आरोप लगा था. बाद में कंपनी के प्रमुख मोहित गोयल को गिरफ्तार किया गया. कंपनी एक ऐसे फोन का ख्वाब लोगों के बीच लेकर आई थी जो कभी बना ही नहीं. अब कंपनी का डोमेन तक बिक चुका है और फोन की तो बात ही छोड़ दीजिए.

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