
आपने कई बार सुना होगा कि कबूतरों का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जाता है. हाल में ही एक मामला सामने आया है जिसमें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुए कबूतर को रिहा किया गया है. कई लोगों के मन में सवाल आता है कि एक कबूतर कैसे जासूसी कर सकता है. ये कोई नया तरीका नहीं है.
पहले विश्व युद्ध में इनका इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता था. निगरानी के लिए बहुत से मौकों पर कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अपने फायदे हैं और इसमें किसी बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं होता है. अगर आप जासूसी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं, तो उसके पकड़े जाने का चांस बहुत ज्यादा होता है.
वहीं कबूतर या किसी और पक्षी के मामले में ये चांस कम हो जाता है. ऐसे में कबूतरों को कैमरा से लैस करके उन्हें जासूसी के लिए छोड़ दिया जाता है. आइए समझते हैं पूरा मालमा.
अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) ने काफी पहले इस तरह की जासूसी के लिए एक डिवाइस डेवलप किया था. इस कैमरे को कबूतरों पर बांध दिया जाता है और फिर इन्हें रिलीज कर दिया जाता है. चूंकि, कबूतर एक कॉमन पक्षी है , जो कई जगह पाए जाते हैं, इसलिए इन्हें लेकर ज्यादा शक पैदा नहीं होता है.
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CIA ने जो कैमरा डेवलप किया था उसकी मदद से सौकड़ों फीट ऊंचाई से भी फोटोज क्लिक की जा सकती हैं. इन कबूतरों को उड़ाने के साथ ही कैमरा को फोटोज क्लिक करने के लिए ऑन कर दिया जाता है. इनमें एक छोटी बैटरी लगी होती है. हालांकि, इस तरह के कबूतरों से बारे में ज्यादा जानकारी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है.
वैसे तो CIA ने अपने डिटेल पेज में बताया है कि ये प्रोग्राम फेल रहा था. क्योंकि किसी निश्चित लोकेशन तक इन पक्षियों को भेजना एक मुश्किल काम है. इन सब के बाद भी कई मौकों पर जासूसी करने वाले कबूतरों को पकड़ा गया है, जिन पर कैमरा इंस्टॉल किया जाता है.
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बता दें कि पिछले महीने एक कबूतर को भारत में रिहा किया गया है, जो 8 महीने से कैद में था. कबूतर को मुंबई में एक पशु चिकित्सालय में रखा गया था. इस कबूतर को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था. कबूतर के पंजे में दो छल्ले बंधे हुए थे, जिसमें से एक तांबे का और दूसरे ऐलुमिनियम का है.
कबूतर के दोनों पंखों के नीचे चीनी भाषा में कुछ लिखा हुआ था. हालांकि, जांच में पाया गया है कि ये कबूतर ताइवान में एक रेस में शामिल हुआ था, जहां से उड़कर भारत पहुंच गया. पुलिस से मिली मंजूरी के बाद अस्पताल ने कबूतर को रिहा कर दिया.