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कैसे हुई सैफ अली खान पर हमला करने वाले की पहचान? टेक्नोलॉजी ने खोल दिए राज

Saif Ali Khan Attack: एक्टर सैफ अली खान पर हुए मामले में नई जानकारी सामने आई है. एक्टर पर हुए हमले में पुलिस ने Data Dump की मदद से पुलिस ने हमलावर की लोकेशन पता की है. दरअसल, पुलिस ने हमले के वक्त उस एरिया में एक्टिव सभी मोबाइल फोन्स की लोकेशन के आधार पर हमलावर की पहचान की है. आइए जानते हैं किस तरह से डेटा डंप ने पुलिस की मदद की.

सैफ अली खान सैफ अली खान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हुए हमले में लगातार अपडेट्स आ रहे हैं. बुधवार देर रात सैफ अली खान पर हुए हमले का कारण पुलिस चोरी बता रही है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी की पहचान हो गई है और उसकी खोज जारी है. पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 

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लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, पुलिस ने आरोपी की पहचान डेटा डंप (Data Dump) के आधार पर की है. जिस वक्त सैफ अली खान पर हमला हुआ, पुलिस ने उस वक्त का डेटा डंप निकाला, जिससे उन्हें पता चला की उस एरिया में हमले की वक्त कौन-कौन से मोबाइल नेटवर्क एक्टिव थे. इस डेटा के आधार पर ही पुलिस ने आरोपी की पहचान की है. 

क्या होता है डेटा डंप? 

Dump Data किसी मोबाइल या फिर सेल टावर से इकट्ठा की गई जानकारी होती है. इस तरह के डेटा को टेक्निकल डायग्नॉसिस,फॉरेंसिक जांच या किसी प्रक्रिया की डिबगिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यहां सेल टावर का मतलब किसी एरिया में मौजूद किसी एक टावर से होता है. 

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आसान भाषा में कहें तो किसी एरिया में निश्चित संख्या में टावर होते हैं, जिनसे उस एरिया में मौजूद सभी मोबाइल फोन्स को नेटवर्क मिल रहा होता है. किसी निश्चित वक्त पर निश्चित एरिया में किसी नेटवर्क से कितने फोन जुड़े हुए हैं, जिसकी जानकारी डेटा डंप से मिल जाती है. इस मामले में भी पुलिस ने ऐसा ही किया है. 

अब इस डेटा के आधार पर पुलिस पता कर सकती है कि कौन-सा मोबाइल यूजर कहां पर मौजूद था. ध्यान रहे कि ये लोकेशन मोबाइल फोन की होगी, ना कि उसे इस्तेमाल करने वाले की. एक्टर सैफ अली खान के मामले में भी पुलिस ने ऐसा ही किया है. सेल टावर सभी कनेक्टेड मोबाइल फोन्स का डेटा रखते हैं. इसकी जांच के लिए सेल टावर डंप एनालिसिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है.

दरअसल सभी मोबाइल जिनमे ऐक्टिव सिम कार्ड है वो मोबाइल नेटवर्क से कनेक्टेड होते हैं. जैसे ही फोन किसी मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट होता है उसका लॉग तैयार हो जाता है. इस लॉग में मोबाइल की तमाम डिटेल्स जैसे IMEI नंबर, MAC Address, IP address और लोकेशन सहित बेसिक मेटाडेटा शामिल होता है. 

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Data Dump से एक नहीं बल्कि कई तरह की जरूरी जानकारी इकठ्ठी की जा सकती है. जैसे - कॉल लॉग्स, टेक्स्ट मैसेजेस, फाइल्स, ब्राउज़िंग हिस्ट्री और ईमेल्स. जाँच एजेंसियां डेटा डंप फ़ॉरेंसिंक अनालिसिस के लिए भी यूज़ करती हैं. 

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के पास जो डेटा होता है उसे भी जांच एजेंसियों यूज करती हैं. हालांकि इसके लिए कई बार कोर्ट ऑर्डर की जरूरत होती है. लेकिन मेटाडेटा हासिल करके बेसिक जानकारी इकठ्ठी बिना कोर्ट ऑर्डर के ही की जा सकती है.

क्या है पूरा मामला? 

एक्टर सैफ अली खान पर बुधवार देर रात हमला हुआ है, जिसमें उन पर 6 बार चाकू से वार किया गया है. मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, सैफ अली खान के ऊपर हुए हमले में हुए 2 गहरे घाव मिले हैं, जिसके बाद उनका ऑपरेशन किया गया है. ऑपरेशन में उनकी रीढ़ से 2.5-inch चाकू का हिस्सा निकला है. 

पुलिस का कहना है कि चोर कई घंटे पहले घर में घुसा था. वहीं सूत्रों के मुताबिक, जब मेड ने चोर को देखा तो चिल्लाना शुरू किया, जिसके बाद सैफ वहां पहुंचे. सैफ और चोर के बीच हाथापाई भी हुई, जिसमें आरोपी ने उन्हें चाकू से हमला करके घायल कर दिया. फिलहाल सैफ अली खान खतरे से बाहर हैं.

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गौरतलब है कि जून 2022 में जुहू में एक चोरी के मामले में पुलिस ने डेटा डंप और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की थी. घटनास्थल के आसपास के मोबाइल टावर्स से डेटा डंप हासिल किया गया और इसे सीसीटीवी फुटेज के साथ मिलान करके संदिग्ध की पहचान की गई थी.

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