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Digital Detox और नो-फोन रूल क्या है? आपकी जिंदगी पर पड़ता है असर, जरूर जाननी चाहिए ये चीजें

How to Reduce Smartphone Addiction: क्या आप भी स्मार्टफोन बहुत ज्यादा यूज करते हैं? अगर ऐसा है तो आपको इसकी आदत कम करनी चाहिए. इस पर हुई स्टडीज में पता चला है कि फोन का हमारे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. आइए जानते हैं आप इसकी आदत कैसे कम कर सकते हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST
  • ब्लू लाइट का हमारे दिमाग पर पड़ता है असर
  • बिहेवियर साइकोलॉजी का यूज करती हैं कंपनियां
  • क्या है डिजिटल डिटॉक्स और नो-फोन रूल?

सोशल मीडिया ऐप्स हमें एक दूसरे जोड़ने के आइडिया के साथ लॉन्च हुए थे, लेकिन धीरे-धीरे ये ऐप्स लोगों को रिजर्व होने का कारण बन गए. हालांकि, रिजर्व होने तक ही नहीं इन ऐप्स की वजह से मानसिक और शारीरिक कई तरह की दक्कतें भी देखने को मिलती हैं.

रिपोर्ट्स की मानें तो फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट की वजह से हमारे दिमाग को रात में दिन होने का एहसास होता है. वहीं पिछले कुछ समय में बढ़े शॉर्ट वीडियो ऐप्स के चलन ने लोगों को इन प्लेटफॉर्म्स का आदी बना दिया है. 

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स्मार्टफोन और सोशल मीडिया ऐप्स पर हुई कुछ स्टडीज में सामने आया है कि टेक कंपनियां बिहेवियर साइकोलॉजी पर काम करती हैं, जिससे लोगों को स्मार्टफोन और ऐप्स का ज्यादा यूज करने के लिए मजबूर किया जा सके.

सोशल मीडिया और स्मार्टफोन की बढ़ती आदत को आप अपने घर में कम कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने घर में नो-फोन रूल लागू करना होगा. डिजिटल डिटॉक्स या फिर फोन का यूज कम करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. आइए जानते हैं क्या है नो-फोन रूल और डिजिटल डिटॉक्स, जो कम कर सकते हैं स्मार्टफोन चलाने की आदत. 

नोटिफिटेकशन्स ऑफ कर दें 

फोन में आने वाले नोटिफिकेशन्स बार-बार हमारा ध्यान खींचते हैं. कोई जरूरी मैसेज या नोटिफिकेशन मिस न हो जाए इस चक्कर में हम सभी नोटिफिकेशन्स के चेक करने के लिए फोन उठाते हैं. इस तरह से हम फोन यूज करने के आदती हो जाते हैं. ऐसे में जब आप स्मार्टफोन से दूरी बनाना चाहते हों, तो नोटिफिकेशन ऑफ कर दें. इससे आपका ध्यान हैंडसेट पर कम जाएगा. 

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कम करें स्क्रीन टाइम 

स्क्रीन टाइम कम करना बहुत जरूरी है. स्मार्टफोन कंपनियां भी सोशल वेलबिंग जैसे फीचर देती हैं. इनकी मदद से आप चेक कर सकते हैं कि स्मार्टफोन पर आप सबसे ज्यादा वक्त कहां बिताते हैं. ऐसे ऐप्स जिन्हें आप सबसे ज्यादा यूज करते हैं, उनकी मॉनिटरिंग करके आप अपने स्क्रीन टाइम को घटा सकते हैं. 

नो-फोन रूल 

वैसे तो ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन स्मार्टफोन का यूज कम करने के लिए आपको ऐसा नियम अपने घर में बनाना होगा. मसलन खाने के टेबल पर कोई फोन लेकर नहीं आएगा या फिर एक निश्चित टाइम के लिए घर में कोई बेवजह स्मार्टफोन यूज नहीं करेगा. इस तरह से आप फोन यूज करने की आदत बदल सकते हैं.

फ्लाइट मोड या स्विच्ड ऑफ करना 

जब आप फोन यूज नहीं कर रहे हों या फिर ऐसे वक्त जब आप परिवार के साथ वक्त बिता रहे हों, तब फोन को ऑफ या एयर प्लेन मोड पर डाल दें. इससे परिवार के साथ वक्त बिताते टाइम आपका ध्यान फोन पर नहीं रहेगा. शुरुआत में यह काम थोड़ा मुश्किल जरूर होता है, लेकिन धीरे-धीरे आप इसे अपनी आदत में शामिल कर लेंगे. 

डिजिटल डिटॉक्स 

सोशल मीडिया हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है और हम बेवजह भी इन प्लेटफॉर्म्स पर अपना वक्त बर्बाद करते रहते हैं. ऐसे में डिजिटल डिटॉक्स के लिए हमें सोशल मीडिया ऐप्स का यूज कम करना चाहिए.

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ऑडियो ऐप्स का यूज करें 

बहुत से लोगों की आदत होती है कि वह गाने सुनने के लिए भी YouTube का इस्तेमाल करते हैं. यह एक वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप है और गाने सुनने के लिए आपको इस ऐप की जरूरत नहीं है. इसके लिए आप ऑडियो ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर कई ऐसे फ्री ऐप्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं.

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