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Grok AI ने ऐसा क्या कर दिया, जो ChatGPT और Gemini नहीं कर पाए

Grok AI हैशटैग इस हफ्ते सोशल मीडिया प्लेटफर्म X पर ट्रेंड कर रहा था. अब ये ट्रेंड धीमा पड़ता दिख रहा है, लेकिन इस चैटबॉट ने बड़ी संख्या में लोगों को AI से जोड़ दिया है. भले ही ChatGPT और Gemini की चर्चा खूब होती रही हो, लेकिन पिछले एक हफ्ते में Grok AI ने जो किया, वो इससे पहले किसी चैटबॉट ने नहीं किया. ये पूरा सिलसिला किसी ट्रेंड की तरह शुरू हुआ है.

Grok AI (फोटो- Unsplash) Grok AI (फोटो- Unsplash)
अभिषेक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

Grok AI इस हफ्ते की शुरुआत से ही चर्चा में बना हुआ है. खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तो ये लगातार ट्रेंड कर रहा है. वैसे X और Grok AI का रिश्ता तो जगजाहिर है, लेकिन ग्रोक ने फिलहाल वो काम किया है, जो दूसरे AI चैटबॉट अब तक नहीं कर पाए थे. वो है लोगों का AI इस्तेमाल करना आम होना. 

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OpenAI का ChatGPT और Google का Gemini, Grok से पहले से मार्केट में मौजूद हैं. दोनों ही प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बड़ी संख्या में लोग करते हैं, लेकिन इन्हें यूजर्स का वैसा ट्रीटमेंट नहीं मिलता, जो Grok AI को मिल रहा है. इसकी एक खास वजह है. 

कब लॉन्च हुआ था Grok?

Grok AI को एलॉन मस्क की कंपनी xAI ने नवंबर 2023 में लॉन्च किया था. हालांकि, शुरुआत में ये चैटबॉट सिर्फ X के प्रीमियम यानी पेड यूजर्स के लिए उपलब्ध था. बाद में कंपनी ने इसे सभी यूजर्स के लिए फ्री कर दिया, लेकिन चर्चा में ये उस वक्त आया, जब लोगों ने X पर Grok को टैग कर उससे सवाल पूछने शुरू कर दिए. 

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आप X पर Grok को सीधे टैग करके उससे सवाल कर सकते हैं. अमूमन दूसरे चैटबॉट्स जिन सवालों के जवाब नहीं देते हैं या घुमाकर बताते हैं, ग्रोक उन सवालों के सीधे जवाब देता है. आप इस प्लेटफॉर्म से किसी विवादित मुद्दे पर भी सवाल कर सकते हैं, जिस पर अमूमन चैटबॉट्स आपको जवाब नहीं देंगे, लेकिन Grok आपको उसका जवाब देगा. 

हर मुद्दे पर दे रहा जवाब

जरूरी नहीं है कि Grok का दिया जवाब, बिलकुल सही और सटीक हो, लेकिन कम से कम ये प्लेटफॉर्म उन मुद्दों पर आपको जवाब देगा, जिन्हें दूसरे प्लेटफॉर्म्स छोड़ देते हैं. मसलन, लोग Grok को टैग करते हुए किसी देश के नेता या उस देश की विदेश पॉलिसी या फिर किसी जगह पर हुए दंगों को लेकर सवाल कर रहे हैं. 

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ग्रोक लोगों को जवाब दे रहा है. मगर इसकी चर्चा की एक और बड़ी वजह ग्रोक के जवाब देने का तरीका है. आप इस AI चैटबॉट से जिस भाषा में बात करते हैं, वो उसी में आपको जवाब देता है. यानी आप अंग्रेजी में बात करेंगे, तो अंग्रेजी में, हिन्दी में किए सवाल का जवाब हिन्दी में और हिंग्लिश का जवाब हिंग्लिश में दे रहा है. 

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भाषा-शैली भी कर रहा कॉपी

इतना ही नहीं ये लोगों के बातचीत की भाषा के साथ शैली को भी कॉपी कर रहा है. अगर आपकी भाषा-शैली में अपशब्द हैं, तो हो सकता है कि Grok के जवाब में भी आपको ऐसी ही शैली दिख जाए. इसके कई सारे उदाहरण हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर देखने को मिल जाएंगे. 

वैसे आपको बता दें कि Grok को X के साथ होने का भी फायदा मिलता है. दोनों ही प्रोडक्ट्स का मालिकाना हक Elon Musk के पास है. Grok ने जैसी ही टैग होने पर जवाब देना शुरू किया, ज्यादा से ज्यादा लोगों ने इसे इस्तेमाल करना शुरू किया. कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल मजे के लिए किया, तो कुछ ने दूसरों को टार्गेट करने के लिए. 

लोगों के लिए आम हो जाएगा AI

ये चैटबॉट इंटरनेट पर मौजूद जानकारियां को रीड करने के बाद आपके सवालों का जवाब देता है. इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि आपके किसी सवाल का जवाब सटीक ना हो. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा चुका है कि AI मॉडल्स पर पूरी तरह से तथ्यों को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल आपको समझदारी के साथ करना चाहिए. 

खैर इन सभी बातों को एक तरफ रखते हुए, ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि Grok AI ने वो किया जो ChatGPT और Gemini नहीं कर पाए. इस AI चैटबॉट की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने AI से सवाल करना शुरू किया. इसका असर भविष्य में देखने को मिलेगा. आने वाले समय में लोग किसी सवाल का जवाब खोजने के लिए शायद गूगल पर ना जाकर AI का सहारा लेंगे.

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