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The Honey Scam: अब तक का सबसे बड़ा इंफ्लूएंसर स्कैम, जिसमें फंस गए कई बड़े नाम

What Is Honey Scam: इन दिनों एक नए स्कैम की चर्चा हो रही है, जिसकी शुरुआत टेक्नोलॉजी जगत से हुई है. दरअसल, हनी एक ब्राउजर एक्सटेंशन है, जो यूजर्स को बेस्ट कूपन ऑफर करने का दावा करता है. इस बाउजर एक्सटेंशन का प्रमोशन कई इंफ्लूएंसर्स ने किया था और अब सामने आया है कि ये ब्राउजर यूजर्स के साथ-साथ इंफ्लूएंसर्स के साथ भी ठगी कर रहा है.

Honey Scam Honey Scam
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

टेक्नोलॉजी जगत में एक नया स्कैम सामने आया है. हम बात कर रहे हैं The Honey Scam की, जिस पर इस वक्त काफी चर्चा चल रही है. दरअसल, कई यूट्यूबर्स ने PayPal के ब्राउजर एक्सटेंशन Honey पर कंज्यूमर्स और इंफ्लूएंसर्स दोनों से ठगी करने का आरोप लगाया है. इस पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं.

यूट्यूबर MegaLab ने हनी स्कैम से जुड़ा पहला वीडियो बनाया, जिसे उन्होंने Exposing the Honey Influencer Scam नाम दिया. जिसके बाद पॉपुलर टेक यूट्यूबर Marques Brownlee ने इस पूरे मामले में वीडियो बनाया है, जो खुद चार साल पहले इस ब्राउजर एक्सटेंशन को प्रमोट कर चुके हैं.

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इस ब्राउजर एक्सटेंशन का प्रमोशन कई बड़े इंफ्लूएंसर्स कर चुके हैं. Mr. Beast से लेकर Marques Brownlee और कई दूसरे बड़े YouTubers का नाम इस लिस्ट में शामिल है. 

क्या है Honey? 

हनी एक ब्राउजर एक्सटेंशन है, जिसका इस्तेमाल शॉपिंग कूपन हासिल करने के लिए किया जाता है. अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, तो इसके काम करने के तरीके को आसानी से समझ सकते हैं. जब आप किसी प्रोडक्ट को ऑनलाइन खरीदते हैं और फाइनल पेमेंट की ओर बढ़ते हैं, तो आपको कूपन यूज करने का मौका मिलता है. 

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यानी आप डिस्काउंट कूपन का इस्तेमाल कर सकते हैं. Honey एक्सटेंशन यूजर्स के लिए बेस्ट कूपन खोजता है. ये एक्सटेंशन साल 2012 में लॉन्च हुआ था, जिसे PayPal ने 4 अरब डॉलर में 2020 में खरीद लिया था. PayPal के खरीदने के बाद ये एक्सटेंशन तेजी से पॉपुलर हुआ. 

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क्या हैं इसे लेकर विवाद? 

यूट्यूबर्स का दावा है कि ये एक्सटेंशन कई तरह से लोगों को ठग रहा है. पहले ये यूट्यूबर्स के एफिलेटेड लिंक्स में उनके कोड को खुद के कोड से चुपके से रिप्लेस कर देता है. दरअसल, एफिलेटेड लिंक वो तरीका होता है, जिसके जरिए क्रिएटर्स की कमाई होती है. 

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मान लीजिए आप हमारे दिए गए एफिलेटेड लिंक से कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो उस पर हमें कमीशन मिलेगा. इस लिंक में एक छोटा सा कोड होता है. हनी एक्सटेंशन क्रिएटर्स के इस कोड को अपने कोड से रिप्लेस कर देता है. इससे क्रिएटर्स को जो पैसे कमीशन के मिलने थे, वो हनी को मिल जाते हैं. 

इसके अलावा कंपनी ने खुद को ऐसे प्रमोट किया कि वो यूजर्स को सबसे सस्ता कूपन दिलाएगा. जबकि हकीकत ये है कि हनी ने सेलर्स से पार्टनरशिप की. एक्सटेंशन ने सर्विस प्रोवाइडर्स को ये चुनने का मौका दिया कि हनी के यूजर्स को कौन-सा कूपन नजर आएगा. यानी अगर आप इस सर्विस का इस्तेमाल नहीं करते तो आपको शायद ज्यादा बेहतर डील मिल जाती.

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