
WhatsApp ने नए साल के मौके पर एक नया और खास फीचर इंट्रोड्यूस किया है. इस फीचर की मदद से यूजर्स इंटरनेट शटडाउन की स्थिति में भी प्लेटफॉर्म पर कनेक्टेड रह सकेंगे. ऐप ने अपने प्लेटफॉर्म पर Proxy सर्वस का सपोर्ट जोड़ दिया है. इसकी वजह से यूजर्स इंटरनेट शटडाउन होने पर भी प्रॉक्सी सर्वर की मदद से कनेक्टेड रह सकते हैं.
ऐप के नए फीचर को बताते हुए कई बार एक टर्म का जिक्र हुआ है- Proxy Server. बहुत से लोगों को मन में सवाल होगा कि ये प्रॉक्सी सर्वर क्या होता है और इंटरनेट शटडाउन की परिस्थिति में ये काम कैसे करता है. यही तो इस सर्वर की खूबी है. इस पूरे प्रॉसेस को समझने के लिए हमें प्रॉक्सी को थोड़ा करीब से समझना होगा.
प्रॉक्सी सर्वर एक सिस्टम या राउटर होता है, जो यूजर्स और इंटरनेट के बीच एक गेटवे का काम करता है. इसका इस्तेमाल प्राइवेट नेटवर्क पर साइबर अटैक को रोकने, किसी ब्लॉक्ड सर्वर तक पहुंचने जैसे कई काम में किया जाता है. आसान भाषा में कहें तो प्रॉक्सी सर्वर यूजर और इंटरनेट के बीच एक मध्यस्थ का काम करता है.
जब कोई कम्प्यूटर (यहां हमारा मतलब फोन से भी है) इंटरनेट से कनेक्ट होता है, तो अपना IP ऐड्रेस इस्तेमाल करता है. IP ऐड्रेस पर हम पहले भी बात कर चुके हैं, ये आपके घर के ऐड्रेस की तरह होता है, लेकिन आपके कम्प्यूटर का ऐड्रेस होता है.
प्रॉक्सी सर्वर एक कम्प्यूटर की तरह काम करता है. यानी जब आप प्रॉक्सी सर्वर की मदद से यूजर ऑनलाइन जाता है, तो ये इंटरनेट तक आपका IP ऐड्रेस पहुंचने नहीं देता है.
चूंकि प्रॉक्सी सर्वर के पास अपना खुद का IP ऐड्रेस होता है, तो ये आपके कम्प्यूटर और इंटरनेट के बीच मध्यस्थ की तरह काम करता है. आपका कम्प्यूटर इसके ऐड्रेस को जानता है.
ऐसे में जब आप कुछ सर्च करते हैं, तो ये इंटरनेट तक जाने के लिए प्रॉक्सी का रूट (रास्ता) अपनाता है. प्रॉक्सी आपके लिए इंटरनेट पर सर्च करता है और फिर वेब पेज से डेटा को आपको कम्प्यूटर पर ट्रांसफर करता है.
आप इसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों ही रूप में यूज कर सकते हैं. हार्डवेयर वर्जन आपके कम्प्यूटर और इंटरनेट के बीच होता है. वहीं सॉफ्टवेयर प्रॉक्सी को कोई अन्य प्रोवाइडर होस्ट करता है. आपको इसे यूज करने के लिए इसका ऐप्लिकेशन इंस्टॉल करना पड़ता है और फिर आप इसे यूज कर पाते हैं.
इसके लिए आपको मंथली फीस देनी होती है. कुछ प्रॉक्सी सर्वर फ्री भी होते हैं. आप इसे खुद भी सेटअप कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको थोड़ी मशक्कत करनी होगी. आपको एक डॉकर और डॉकर कंपोजर की जरूरत होगी. यहां आपको इसका पूरा तरीका मिल जाएगा.
आम भाषा में कहें तो इन दोनों में आपको बहुत ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिलेगा, क्योंकि दोनों लगभग एक ही काम करते हैं. ग्राउंड लेवल पर काम की बात करें, तो Proxy और VPN दोनों ही यूजर्स को उन वेबसाइट्स को एक्सेस करने देते हैं, जो उनके शहर, एरिया या देश में ब्लॉक्ड होती हैं.
VPN पर यूजर्स को हैकर्स से ज्यादा प्रोटेक्शन मिलती है, क्योंकि इसका ट्रैफिक एन्क्रिप्टेड होता है. अगर आप सिंगल यूजर के तौर पर एक प्राइवेट नेटवर्क चाहते हैं, तो प्रॉक्सी को चुन सकते हैं. हालांकि, इसी काम को बड़े लेवल या फिर ऑर्गेनाइजेशन लेवल पर करने के लिए VPN की जरूरत पड़ती है.
Internet शटडाउन की स्थिति में बहुत से लोग Proxy या VPN का सहारा लेते हैं. इसकी मदद से यूजर्स अपनी लोकेशन चेंज कर सकते हैं, जिसके बाद वह किसी ब्लॉक सर्विस को आसानी से यूज कर सकते हैं. WhatsApp ने Proxy सपोर्ट इसी वजह से जोड़ा भी है. इरान में मेटा की सर्विसेस को ब्लॉक किया गया है.
ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इंटरनेट और सोशल मीडिया से कट गए हैं. वॉट्सऐप ने इसका हवाला देते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर इस सर्विस को इंट्रोड्यूस किया है. ताकि लोग प्रॉक्सी नेटवर्क की मदद से एक दूसरे से और दुनिया से कनेक्टेड रह सकें.