सौभाग्य सुंदरी व्रत से महिला संतान सुख पति सुख प्राप्त करती हैं. कन्याओं को मनचाहा पति मिलता है. कन्याओं की शादी अच्छे घर में जाती है. अगहन मॉस की तृतीया तिथि को तीज की तरह ही मनाते है. तृतीया तिथि माता गौरी पार्वती जन्म तिथि मानी जाती है. मां पार्वती ने घोर तपस्या कर शंकर जी को वर रूप में प्राप्त किया. फिर गणेश जी और कार्तिकेय जैसा दो बेटे प्राप्त किया. तभी अगहन तृतीया को सौभाग्य सुंदरी की व्रत पूजा होती है.