आंवले का फल पौराणिक दृष्टिकोण से रत्नों के समान मूल्यवान माना जाता है. कहते है कि शंकराचार्य ने इसी फल को स्वर्ण में परिवर्तित कर दिया था. इस फल का प्रयोग कार्तिक मास से आरम्भ करना अनुकूल माना जाता है. इस फल के सटीक प्रयोग से आयु,सौन्दर्य और अच्छे स्वस्थ्य की प्राप्ति होती है. मात्र यही ऐसा फल है जो सामान्यतः नुक्सान नहीं करता. इस फल को नौजवानी का फल भी कहते हैं. इसे ग्रहण करने से बुढ़ापा नहीं आता. और जानने के लिए देखें चाल चक्र.