अब बात कश्मीर में पत्थरबाजी और पत्थरबाजों के खिलाफ जारी हुए नए सर्कुलर की.अबतक पत्थरबाजों को मासूम बताने वालों के लिए ये खबर परेशान करने वाली है. पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों को सरकारी नौकरी में मौका नहीं दिया जाए. पत्थरबाजी में नाम आया तो पासपोर्ट क्लीयरेंस नहीं मिलेगा. ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को सिक्योरिटी क्लियरेंस ना दिया जाए. आरोपी के खिलाफ डिजिटल रिकॉर्ड भी सबूत माना जाएगा. इसके अलावा पत्थरबाजी के दोषियों को सरकारी योजनाओं से भी वंचित रखा जाए. उधर सरकारी आंकड़ें कहते हैं कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी से कमी आई है. देखें वीडियो.
All those involved in stone-pelting and subversive activities will not be given security clearance for verification required while applying for a passport and other government services. Along with this, The digital record will also be considered as evidence against the accused. Watch video.