बाढ़ (Flood) देश की सालाना टेंशन है. हर साल बाढ़ आती है, हर साल पहले से ज्यादा तबाही मचाती है और बाढ़ जाते ही बाढ़ की कहानी भी गुम हो जाती है. सवाल है कि बाढ़ से बर्बादी रोकने का कोई फॉर्मूला है क्या. हर साल बादलों से मची तबाही देश का मुकद्दर बन गई है. बाढ़ में डूबना हर साल की कहानी है. इस बार भी बाढ़ ने हिमाचल (Himachal Pradesh) से लेकर बिहार (Bihar) तक कहर मचा रखा है. हाल ये है कि कई इलाकों में बाढ़ के आगे जिंदगी ने सरेंडर कर दिया है. सबसे बुरा हाल हिमाचल का है. जहां कांगड़ा घाटी में बादल फटने के बाद चारों ओर तबाही का मंजर है. धर्मशाला (Dharamshala) में भी बादलों से आई आफत चारों ओर नजर आ रही है. चंबा में मूसलाधार बारिश के निशान यहां चप्पे चप्पे पर देखे जा सकते हैं. यही हाल उत्तराखंड (Uttarakhand) का भी है. जहां उत्तरकाशी में बारिश से भारी तबाही मची है. बिहार का हाल भी बेहाल हैं. गोपालगंज (Gopalganj) और मोतिहारी (Motihari) में बाढ़ का सितम सबसे ज्यादा है. देखिए ये रिपोर्ट.
Himachal Pradesh and Uttarakhand are badly hit by the floods. The residents are suffering. On the other hand, Bihar has been dealing with flood situations for weeks now. People are hence bound to leave their houses for safer abodes. The worst situation is in Himachal, where after the cloudburst in Kangra Valley, there is a scene of destruction all around. Watch this report.