किस्मत कनेक्शन में आज आपको बताएंगे अक्षय तृतीया का क्या है महत्व. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में होते हैं, इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है. अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय ना हो, इस तिथि को किए गए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता. मानते हैं कि इस दिन भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव ने अवतार लिया था. इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं, केवल इसी दिन वृंदावन में श्री बांके-बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन मूल्यवान चीतों की खरीदारी की जाती है, इससे धन की प्राप्ति और दान का पुण्य अक्षर बना रहता है. ये साल का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है, इस दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त के कोई भी शुभ काम किया जा सकता है.