किस्मत कनेक्शन में आज आपको बताएंगे चातुर्मास की महिमा के बारे में. देवश्यनी एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है. ये कार्तिक के देव प्रबोधिनी एकादशी तक चलती है. इस समय में श्री हरि विष्णु योगनिंद्रा में लीन रहते हैं. इसलिए किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है. विष्णु जी ने राजा बलि से तीन पग में सारी सृष्टि दान में मांग ली थी. फलस्वरूप श्री हरि अपने समस्त स्वरूपों से राजा बलि के राज्य की पहरेदारी करते हैं.