नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. इस दिन बुध की समस्याएं दूर होती हैं. नवरात्र के चौथे दिन इनका पूजन होता है. अपनी हल्की हंसी से ब्रह्रांडा को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा हुआ. ये अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं, मां की आठ भुजाएं हैं इसलिए ये अष्टभुजा देवी के नाम से विख्यात हैं. संस्कृत भाषा में कुष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं और इन्हें कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है,ज्योतिष में इनका संबंध बुध से है.