किस्मत कनेक्शन में आज आपको बताएंगे शनि जयंती के महत्व के बारे में. ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि को जन्म हुआ था. इस तिथि को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विशेष विधि विधान से शनि का पूजन करने से शनिदेव की विशेष कृपा मिल सकती है. साथ ही इस दिन जीवन की तमाम समस्याओं के लिए विशेष प्रयोग किये जा सकते हैं, शिन जयंती 25 मई को मनाई जाएगी. सुबह स्नान करके सूर्योदय के पहले पीपल में जल अर्पित करें, एक चौकी या पटरे पर पीला वस्त्र बिछाएं. इस पर शनिदेव के प्रतीक रूप में सुपारी स्थापित करें, घी और तेल का दीपक और धूप जलाएं. इस शनि के प्रतीक सुपारी का तैलाभिषेक करें, पंचोपचार पूजन करें. इसके बाद तेल से बनी हुई चीजों का, इमरती और फल का भोग लगाएं, सबसे अंत में श्रीफल अर्पित करें.