अंग्रेजी तारीख और कैलेंडर में मेरे जन्म की जो तारीख लिखी है, वो मुझे भी पता है कि सच नहीं है. मां ने बताया था कि उस दिन बहुत तेज़ बारिश हो रही थी, सुबह का समय था जब मेरा जन्म हुआ था. मैंने पूछा भी था कि मां, महीना कौन सा था तो मां ने कहा था कि सावन या भादो. शायद भादो.
तब हमारे यहां किसी बच्चे का जन्मदिन नहीं मनाया जाता था. संजय सिन्हा भी कोई अपवाद नहीं थे. मां ने तो मेरी कुंडली भी नहीं बनवाई थी. पता नहीं क्या वहम था, पर मां ने कहा था कि कुंडली से कुछ नहीं होता. जानें पूरी कहानी संजय सिन्हा की जुबानी....