जो राजा बंदरों से दोस्ती रखते हैं उन्हें लेने के देने पड़ते ही हैं और अगर दो बंदर हों, तो फिर कहना ही क्या? आप सोचेंगे कि संजय सिन्हा कौन से बंदरों और किस राजा की कहानी सुनाने का मन बना रहे हैं? ये कहानी आपने सौ बार सुनी होगी पर मेरा मन कर रहा है कि आज फिर सुना दूं। इस कहानी को सुनाने के पीछे न कोई प्रसंग है, न ज़रूरत. बस मन कर रहा है कि आज बंदरों की कहानी सुनाऊं.