संजय सिन्हा अक्सर ऐसी कहानियां लेकर आते हैं, जिनमें जीवन की सच्चाई छिपी होती है. इस बार संजय सिन्हा अपने बचपन की यादों से एक कहानी लेकर आए हैं. कहानी है दोस्ती की.