बच्चों पर अपनी जिंदगी न्यौछावर करने वाली मां, जिसके प्रेम की इस दुनिया में किसी भी चीज से तुलना नहीं की जा सकती. उसी मां को बड़े होकर बच्चे भूल जाते हैं. अपनी बूढ़ी मां को अपने साथ रखना भी उनको मुश्किल लगता है. संजय सिन्हा से सुनें मां के प्यार पर आधारित एक कहानी.