अकबर परेशान थे. इधर-उधर टहल रहे थे. बीरबल बहुत देर तक सिर खुजाते रहे कि आख़िर बादशाह को हो क्या गया है? क्यों परेशान हैं? बादशाह कुछ बोल नहीं रहे थे. बस इधर-उधर और उधर-इधर कर रहे थे. आख़िर बीरबल ने पूछ ही लिया, 'महाराज! किस बात की चिंता है? क्यों हमसे कुछ साझा नहीं कर रहे? तबीयत तो ठीक है न?' इस पर अकबर ने कहा कि जनता टैक्स के रूप में जो धन हमें देती है, वो पूरा हमारे खजाने तक क्यों नहीं पहुंच पाता? जनता के कल्याण के लिए राजकीय कोष से भेजा गया पूरा धन भी जनता तक क्यों नहीं पहुंच पाता? आखिर चोर क्यों है? इस पर बीरबल ने क्या जवाब दिया.....जानने के लिए संजय सिन्हा से सुनिए पूरी कहानी..
Once Mughal Emperor Akbar was upset over issue of public tax and revenue. He was walking and thinking about it, but he had find no solution. After all Birbal asked Akbar about the problem. Birbal was most trusted friend and advisor of Mughal Emperor Akbar. Akbar questions that Why does the tax paid by public not reach to our treasure properly? Listen the story of Akbar and Birbal by Sanjay Sinha......