संजय सिन्हा लेकर आए हैं एक इमोशनल कहानी. संजय सिन्हा कहानी के माध्यम से बता रहे है कि कैसे शिष्य हमेशा गुरु के सामने छोटा होता है. वैसे ही पिता हमेशा पिता होता है, उन्हें किसी भी परिस्थिति में आंख नहीं दिखाई जा सकती.