संजय सिन्हा सुना रहे हैं लड़कियों के नाजुक दिल की कहानी. आखिर क्यों मां, बहन, पत्नी जैसे दरियादिल कभी मर्द नहीं हो सकते? क्यों खुद बासी खाना खाकर भी खुश रह जाती हैं घर की औरतें? समर्पण में कैसे सुख खोज लेता है नारी मन?