जब तक आदमी अपनी कमजोरी का दास नहीं हो जाता तब तक वो किसी से नहीं डरता है. इसलिए कभी भी अपनी कमजोरी को दोस्त नहीं बनने देना चाहिए. संजय सिन्हा से सुनिए कमजोरी से संबंधित एक दिलचस्प कहानी.