संजय सिन्हा सुना रहे हैं कि कैसे दिल्ली से गोआ की अपनी विमान यात्रा के दौरान उन्हें एक बुजुर्ग सरदार जी मिले और कई बार कोशिश करने के बाद उन्होंने खुद ही जूस के बोतल की ढ़क्कन खोली. उन्होंने कहा कि आज तो आप मदद क देंगे लेकिन कल कौन मदद करेगा.