एक राजा था, उसका एक महामंत्री था, एक मंत्री और एक सेनापति भी थे. चारों दरबार में साथ बैठते थे. राजा सबसे ऊंचे सिंहासन पर बैठता था. उसकी एक तरफ छोटी कुर्सी पर महामंत्री और दूसरी तरफ सेनापति बैठते थे, महामंत्री के बगल में मंत्री. राजा को हक होता है नाराज और खुश होने का, वो जब चाहे खुश हो सकता है जब चाहे नाराज हो सकता है, महामंत्री-मंत्री और सेनापति को ये हक नहीं होते. जानें- क्या है इस कहानी का संदेश.