27 दिन बाद क्या किसानों ने सरकार को 26 के फेर में फंसा दिया है? सरकार और किसानों के बीच कृषि कानून पर बात अभी तक नही बनी है. सरकार ने बातचीत की बात तो की है. इस बात में सरकार की तरफ से नया क्या है, इसे लेकर सवाल बना हुआ है. सवाल ये भी है कि सरकार सिर्फ बात के लिए बात करना चाहती है या फिर उसकी मंशा किसी नतीजे पर पहुंचने की भी है. किसान साफ कर चुके हैं कि पुराने मसौदों पर बात नहीं होगी. सरकार की चिंता किसानों की उस चेतावनी ने भी बढ़ा दी है, जिसमें उन्होने 26 जनवरी को राजपथ तक जाने की बात कही है. जाहिर है सरकार के पास वक्त कम है और उसे काम ज्यादा करना है. ऐसे में सवाल है कि किसान नहीं माने तो सरकार के पास अब ऑप्शन क्या हैं? देखें तेज मुकाबला.