26 जनवरी के बाद किसान आंदोलन के सामने चुनौतियां बढ़ी हैं. दिल्ली बॉर्डर पर अब पहले से ज्यादा पहरा है. इस वजह से गाजीपुर बॉर्डर से लेकर सिंघु तक किसानों की आवाजाही कम है लेकिन किसानों ने हिम्मत नहीं हारी है. वो अपनी लड़ाई के नए नए तरीके तलाश रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचने के लिए किसान अपना नेटवर्क तैयार कर रहे हैं. सरकार पर दबाव डालने के लिए बड़े बड़े नेताओं का घेराव कर रहे हैं. पश्चिमी यूपी में बीजेपी के नेताओं को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. वहीं हरियाणा में भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए किसानों के बीच जाना मुश्किल हो गया है. जाहिर है ये किसानों के आक्रोश की नई आवाज है. देखें खास कार्यक्रम, इस वीडियो में.