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काबुल: 'हम भयानक लोगों के बीच बेच दिए गए, हत्या और डर में तालिबान की खुशी'

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST
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15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही आतंकी संगठन तालिबान अब अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना चुका है. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते ही वहां सबसे ज्यादा मुसीबत महिलाओं पर आ गई है और वो अपनी जान बचाने के लिए अभी भी देश छोड़ने की जद्दोजहद में लगी हुई हैं. ऐसे में अफगानिस्तान की एकमात्र महिला टूर गाइड ने अफनी खौफनाक और दर्द भरी कहानी सुनाई है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. (तस्वीर - Getty)

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अफगानिस्तान की एकमात्र महिला टूर गाइड ने युद्धग्रस्त इलाके से बचने की कोशिश की और उस दौरान होने वाली भयानक दिक्कत को दुनिया के सामने रखते हुए कहा कि वहां तालिबान के शासन में आने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने वाले लोगों के बीच कई बार भगदड़ मची जिसमें लोग मारे गए और जो बच गए उन्हें आतंकियों ने बुरी तरह पीटा. (तस्वीर - Getty)

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फातिमा नाम की इस महिला ने सुरक्षा कारणों से अपना पूरा नाम जाहिर किए बिना बताया कि तालिबान के सत्ता में आते ही उसे हेरात शहर छोड़ने के लिए कहा गया था, जहां वह अगस्त की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मदद से रह रही थी. इस इलाके पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था. (तस्वीर - Getty)

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फातिमा ने बताया कि तालिबान के लड़ाके उसे निशाना बनाना चाहते थे क्योंकि देश के पर्यटन उद्योग में उसकी सफलता की कहानी दुनिया भर में प्रकाशित हुई थी. 23 साल की इस युवती ने हेरात विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद  2020 में पेशेवर गाइड के रूप में काम करना शुरू किया था. तालिबान के सत्ता पर कब्जा करते ही देश छोड़ने के लिए ये उन महिलाओं में शामिल थी जो सीधे एयरपोर्ट पहुंची थी. (तस्वीर - Getty)

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मेल ऑनलाइन से बात करते हुए, फातिमा ने कहा कि वहां उन्होंने ऐसी चीजें देखीं जिसने उन्हें हमेशा के लिए डरा दिया. खुद पर हुए अत्याचारों को याद करते हुए फातिमा ने कहा, 'मैंने देखा कि आंखों के सामने लोगों को गोली मारी गई थी. वहां हिंसा हो रही थी,  लोग खून से लथपथ थे, मैंने लोगों को मरते हुए देखा. (तस्वीर - Getty)

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फातिमा ने खुद पर हुए हमले को लेकर बताया,  'दो बार तालिबान के सदस्यों में से एक ने बंदूक सीधे मेरे पास रखी और मुझसे कहा 'चले जाओ नहीं तो मैं तुम्हें मार डालूंगा'. (तस्वीर - Getty)
 

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युवती ने कहा, 'तब मुझे लगा कि अफगानिस्तान अब मेरे रहने की जगह नहीं रहा. मुझे लगा कि हम भयानक लोगों को बीच बेच दिए गए हैं जहां उनका आनंद और खुशी हत्या और भय में है. मेरे लिए यह देखना बहुत ही चौंकाने वाला और डरावना क्षण था और यह महसूस करना कि हमने कई सालों तक जो काम किया था वह सब अब खत्म हो गया.' (तस्वीर - Getty)

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फातिमा ने लगभग 20 अन्य लोगों के समूह के साथ दो बार हवाई अड्डे में प्रवेश करने का प्रयास किया, जिसमें साथी टूर गाइड भी शामिल थे, लेकिन उन्होंने पाया कि स्थिति बहुत खतरनाक थी और उन्होंने मरने की जगह देश छोड़ने की कोशिश करने का फैसला किया. (तस्वीर - Getty)

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निराश होकर, फातिमा के समूह ने भीषण गर्मी में एक गैरेज में जान बचाने के लिए आश्रय लिया. वहां बैठे हुए एक व्यक्ति ने एक इतालवी एजेंट से संपर्क किया जिसके बाद उनका नाम इतालवी उड़ान सूची में डाल दिया गया था. अब फातिमा इटली में बिना किसी खौफ के रह रही हैं. (तस्वीर - Getty)
 

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