यूपी के आगरा में बस हाइजैकिंग मामले में नया मोड़ आ गया है. पहले यह माना जा रहा था कि फाइनेंस कंपनी वालों ने बस को यात्रियों के साथ अगवा कर लिया था लेकिन अब सामने आ रहा है कि बस तो फाइनेंस ही नहीं थी.
बस मालिक के जीजा गगन ने बताया कि बस फाइनेंस नहीं थी, बस को हाइजैक करने का षड्यंत्र रचा गया था. गगन ग्वालियर में रहने वाले बस मालिक के जीजा हैं और झांसी में रहते हैं.
ताजा जानकारी के अनुसार, आगरा के थाना मलपुरा दक्षिण बाईपास पर बस संख्या यूपी 75 एम 3516 को हाईजैक करने वाले युवक श्रीराम फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी नहीं थे. वह कोई और ही थे.
इस बस पर साल 2016 में दीपा अरोड़ा ने श्री राम फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस कराया गया था और 2018 में बस का लोन सेटल कर दिया गया था. इस बड़े मामले पर जानकारी देते हुए श्रीराम फाइनेंस कंपनी के रीजनल फाइनेंस हेड ने बताया है कि बस हाइजेक करने वाले कंपनी के कर्मचारी नहीं थे ना ही बस अभी कंपनी के पास है. इस मामले से कंपनी के किसी कर्मचारी का कुछ लेना-देना नहीं है.
बता दें कि मंगलवार-बुधवार की दरमयानी रात आगरा में
बदमाशों का एक गिरोह यात्रियों से भरी बस अपने कब्जे में लेकर गायब हो गया.
यात्रियों समेत बस गायब करने की यह संवेदनशील घटना आगरा के दक्षिणी बाईपास
पर देर रात को घटी.
कुछ लोग जाइलो गाड़ी में बैठ कर आए और बस को ओवरटेक किया और रोक लिया और
उसके बाद ड्राइवर-कंडक्टर को नीचे उतार लिया. ड्राइवर, कंडक्टर और सवारियों
को बदमाशों ने कहा कि बस पर फाइनेंस की किस्तें बकाया हैं जिसके कारण बस
को हम अपने कब्जे में ले रहे हैं.
यह जानकारी देकर बदमाशों ने ड्राइवर-कंडक्टर को अपने साथ गाड़ी में बैठा
लिया और एक बदमाश 34 यात्रियों से भरी बस को चला कर ले गया. ड्राइवर और
कंडक्टर को बदमाशों ने अपनी गाड़ी से नेशनल हाईवे 2 पर बने एक ढाबे पर ले
जाकर छोड़ दिया.
ड्राइवर-कंडक्टर सुबह साढ़े 6 बजे आगरा में थाने पहुंचे और उन्होंने घटना
की पूरी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस टीम लगातार बस और बस में बैठे
यात्रियों के अलावा बदमाशों को तलाशने में जुट गई थी.
आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह 3
बजे ग्वालियर के रहने वाले थाने आए थे. उन्होंने बताया कि गुरुग्राम से बस आ
रही थी. रायभा टोल क्रॉस करने के बाद दक्षिणी बाईपास के आगे बस को ओवरटेक
किया और बताया कि गाड़ी पर फाइनेंस है और किस्तें नहीं दी जा रही हैं,
इसलिए गाड़ी हम लेकर जा रहे हैं.
उसके
बाद ड्राइवर और कंडक्टर को अपने साथ बैठा लिया. बस में 34 लोग छतरपुर,
पन्ना और रानीपुर के थे. प्रथम दृष्टया बातचीत में पता चल रहा है कि
ग्वालियर की कल्पना ट्रेवल्स काफी कर्ज में थी. आठ किस्त बकाया थी. मामला
संवेदनशील है. पुलिस टीम लगा दी है गई है और आसपास के जनपदों में एसपी से
बात हो गई है.
बस कंडक्टर ने बताया कि हम गुरुग्राम से चले थे. कोसी से पहले खाना खाया.
उसके बाद हम आगे चल दिए. कुछ देर बाद कुछ लोगों ने पहले ड्राइवर को उतारा
और फिर मुझे भी खींचकर उतार दिया. हमें जो साथ में ले गए, वह चार लोग थे.
वे आपस में कह रहे थे कि हम फाइनेंस वाले हैं, आठ क़िस्त हमारी बकाया हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)
उधर, झांसी के आइजी सुभाष सिंह बघेल ने बताया कि आगरा से कार सवार बदमाशों
द्वारा हाइजैक की गई बस की सूचना आगरा से आने पर झांसी में पुलिस बस को
खोजती नजर आई. बस में झांसी के मऊरानीपुर, छतरपुर, पन्ना के 34 यात्री सवार
हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)
वहीं, इटावा एसएसपी ने बताया कि हाइजैक बस जिसका नंबर UP 75 M 3516 है, वह इटावा पुलिस ने बरामद कर ली है. यह बस इटावा के बलराई थाना क्षेत्र के एक ढाबे पर मिली. इस जानकारी को आगरा पुलिस के साथ शेयर कर लिया गया है.
ताजा जानकारी के अनुसार, बस यात्री अपने अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं. छतरपुर पहुंचे यात्री धर्मेद्र चतुर्वेदी ने पूरी घटना के बारे में बताते हुए कहा कि बस के भीतर कोई विवाद नहीं हुआ और न ही कोई बदसलूकी हुई. बस के बाहर कुछ विवाद हुआ था जिसके बारे में किसी यात्री को कोई जानकारी नहीं है.
झांसी पहुंचने के बाद सभी यात्री अपने अपने घरों के लिए निकले. अलग-अलग साधनों से जा रहे हैं. पुलिस की इन यात्रियों से लगातार बात हो रही हैं. झांसी से मध्य प्रदेश की सीमा में यात्री पहुंच चुके हैं.