डायबिटीज इंसान के शरीर में कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकता है. लैंसेट डायबिटीज एंड एडोक्रायनोलॉजी ग्लोबल की स्टडी के मुताबिक ऐसा अनुमान है कि भारत में 2030 तक डायबिटीज के 9.80 करोड़ से ज्यादा मरीज होंगे. डायबिटीज से आंखों की रोशनी भी जा सकती है इसलिए आंखों की डायबिटीज की जांच के लिए नई तकनीक विकसित कई गई है जो आंखों में देखकर ये बता देगी कि मरीज को डायबिटीज है या नहीं. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
अगर किसी शख्स को ब्लड प्रेशर, दिल संबंधी दिक्कतें और डायबिटीज हो तो उसकी आंखों में भी डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है. आंखों की डायबिटीज की जांच करने के लिए डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy - DR) का सहारा लिया जाता है. लेकिन इस तकनीक से जांच करने वाले एक्सपर्ट्स भारत में कम हैं. अगर ग्रामीण इलाकों की बात करें तो ऐसे एक्सपर्ट की संख्या और भी कम दिखाई देगी. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
सही जांच न होने और सही एक्सपर्ट से जांच न होने की वजह से आंखों के डायबिटीज से लोग संक्रमित हो जाते हैं. वो एसिम्पटोमैटिक रूप से आंखों में डायबिटीज लेकर घूमते रहते हैं. उन्हें या उनके परिजनों को ये पता नहीं होता. बाद में जब गंभीर अवस्था आती है तब तक देर हो चुकी होती है. इसलिए शंकरा आई फाउंडेशन एंड लेबेन केयर (Sankara Eye Foundation and Leben Care) ने नेत्र (Netra) नाम के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम बनाया है. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
नेत्र (Netra) AI सिस्टम आंखों की डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों की जांच मिनटों में करता है. साथ ही ये भी बताता है कि बीमारी का स्टेज क्या है. मरीज के आंखों की रोशनी कितनी प्रभावित हुई है. नेत्र (Netra) AI सिस्टम से आंखों की तस्वीर लेकर क्लाउड बेस्ड वेब पोर्टल पर भेजता है. इसमें तस्वीरों और AI एल्गोरिदम के आधार पर ग्रेडिंग होती है. जिसके बाद बताया जाता है कि आंखों में डायबिटीज है या नहीं. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
नेत्र (Netra) AI सिस्टम को बनाने में रेटिना का इलाज करने वाले एक्सपर्ट डॉक्टर और डीप कॉन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (DCNN) के साइंटिस्ट्स ने मिलकर बनाया है. नेत्र (Netra) AI सिस्टम में इंटेल जियॉन स्केलेबल प्रोसेसर लगा है. साथ ही डीप लर्निंग बूस्ट और इंटेल एडवांस्ड वेक्टर एक्सटेंशन 512 लगाया गया है ताकि तेजी से डेटा को प्रोसेस किया जा सके. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
DCNN और नेत्र (Netra) AI सिस्टम आपस में मिलकर तेजी से आंखों की डायबिटीज का पता करते हैं. साथ ही उसका स्टेज और प्रभाव भी बताते हैं. इससे आंखों के डॉक्टर का वर्क प्रेशर कम होता है. उसे ये समझने में आसानी होती है कि क्या मरीज को सच में डायबिटीज है या कोई और दिक्कत है. इसके बाद वह उसी के मुताबिक इलाज शुरू करता है. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
अब तक नेत्र (Netra) AI सिस्टम ने देश के 3093 मरीजों के आंखों की जांच की है. इसमें से 742 में आखों की डायबिटीज का रिस्क देखने को मिला है. नेत्र (Netra) AI सिस्टम दो मिनट के अंदर जांच के परिणाम आपके सामने रख देता है. साथ ही आपके आंखों की फोटो क्लाउड सिस्टम आधारित वेब पोर्टल पर डाल देता है. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
शंकरा आई फाउंडेशन में मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन क्वालिटी एंड एजुकेशन के प्रेसीडेंट डॉ. कौशिक मुरली ने बताया कि हम चाहते हैं कि आंखों की डायबिटीज के बारे में लोगों को पहले पता चले. उनका सही समय पर इलाज किया जा सके. इसलिए यह टेक्नोलॉजी हमारे लिए काफी मददगार है. (प्रतीकात्मक फोटोःगेटी)
नेत्र (Netra) AI सिस्टम को बनाने में काफी लोगों का दिमाग लगा है. इसमें सिर्फ कंप्यूटर या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जानकार ही नहीं, बल्कि आंखों की बीमारियों और खास तौर से डायबिटीज के एक्सपर्ट्स ने मिलकर इसे बनाया है. ताकि आदमी लेंस के सामने अपनी आंखें रखे और वह दो मिनट में यह पता कर ले कि कहीं उसकी आंखों में डायबिटीज तो नहीं है. (फोटोःगेटी)