सिर्फ दो दिन बाद धरती के बगल से एक बहुत बड़ा एस्टेरॉयड गुजरेगा. यह एस्टेरॉयड दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार से चार गुना और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से तीन गुना बड़ा है. जून में धरती के बगल से गुजरने वाला ये तीसरा एस्टेरॉयड है. इससे पहले 6 और 8 जून को धरती के बगल से एस्टेरॉयड गुजरे थे. (फोटोः गेटी)
इस एस्टेरॉयड का नाम है 2010एनवाई65 है. यह 1017 फीट लंबा है. यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से करीब तीन गुना और कुतुबमीनार से चार गुना बड़ा है. स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी 310 फीट और कुतुबमीनार 240 फीट लंबा है. (फोटोः गेटी)
यह एस्टेरॉयड 46,400 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है. यह एस्टेरॉयड 24 जून की दोपहर 12.15 बजे पृथ्वी के करीब से गुजरेगा. (फोटोः गेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि यह धरती से करीब 37 लाख किलोमीटर दूर से निकलेगा. (फोटोः गेटी)
नासा के वैज्ञानिक उन सभी एस्टेरॉयड्स को धरती के लिए खतरा मानते हैं जो धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी के अंदर निकलते हैं. इन तेज रफ्तार गुजरने वाले खगोलीय पिंडों को नीयर अर्थ ऑबजेक्टस (NEO) कहते हैं. (फोटोः गेटी)
सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले छोटे-छोटे खगोलीय पिंडों को एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह कहते हैं. ये मुख्य तौर पर मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं. कई बार इनसे धरती को नुकसान भी होता है. (फोटोः गेटी)
जून में एस्टेरॉयड गुजरने की यह तीसरी घटना है. पहला एस्टेरॉयड 6 जून को धरती के बगल से गुजरा था. यह 570 मीटर व्यास का था. यह धरती के बगल से 40,140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गुजरा था. इसका नाम 2002एनएन4 था. (फोटोः गेटी)
इसके बाद 8 जून के एस्टेरॉयड 2013एक्स22 एस्टेरॉयड धरती के करीब से गुजरा था. इसकी गति 24,050 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. यह धरती से करीब 30 लाख किलोमीटर दूर से निकला था. (फोटोः गेटी)
आपको बता दें कि 2013 में चेल्याबिंस्क एस्टेरॉयड रूस में गिरा था. इसके गिरने से 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हजारों घरों की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए थे. (फोटोः गेटी)