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इस देश में बनेगी दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी, क्षमता सरदार सरोवर डैम से थोड़ी कम

aajtak.in
  • न्यू साउथ वेल्स,
  • 05 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST
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ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी बनाने की योजना बना रहा है. इस बैटरी की क्षमता गुजरात स्थित सरदार सरोवर डैम से पैदा होने वाली बिजली से थोड़ी ही कम होगी. लेकिन यह अभी अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सबसे बडी बैटरी से तीन गुना ज्यादा बड़ी होगी. इस बैटरी से क्या होगा? इसे कौन बनाएगा? यह कब बनना शुरू होगी, आइए जानते हैं ये सबकुछ...(फोटोःनियोएन)

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ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स प्रांत (New South Wales) के हंटर वैली (Hunter Valley) स्थित कुर्री कुर्री (Kurri Kurri) में यह बैटरी बनाई जाएगी. इसे बनाने की शुरुआत 2022 से होगी. इसके अगले साल यानी 2023 से यह बैटरी काम करना शुरू कर देगी. इसे रीन्यूएबल एनर्जी फंड CEP.Energy नाम की संस्था बनाएगी. (फोटोःनियोएन)

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CEP. Energy के चेयरमैन मॉरिस लेम्मा ने कहा कि इस तरह की बड़ी बैटरी कोयले या गैस से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा और सप्लाई के बीच की कमी को पूरा करेंगी. ये बैटरी हम कोयला खनन के लिए प्रसिद्ध हंटर वैली के कुर्री कुर्री में बनाएंगे. यह स्थान न्यू कैसल से करीब 35 किलोमीटर दूर है. इस बैटरी की क्षमता 1200 मेगावॉट होगी. जबकि गुजरात स्थित सरदार सरोवर डैम की ऊर्जा उत्पादन क्षमता 1450 मेगावॉट है. (फोटोःगेटी)

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मॉरिस ने बताया कि इस बैटरी को ऊर्जा सोलर पैनल्स से मिलेगी. ऑस्ट्रेलिया सोलर और विंड एनर्जी का दुनिया में सबसे बड़ा स्थान है. हम इसका उपयोग इन तरह की बैटरी लगाने के लिए कर सकते हैं. जब सूर्य और हवा दोनों ही प्रचुर मात्रा में हैं तो हमें कोयले या गैस से उत्पादित ऊर्जा की क्या जरूरत है. (फोटोःगेटी)

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द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड वेबसाइट को मॉरिस ने बताया कि भविष्य में कार्बन उत्सर्जन कम करना जरूरी है. ताकि प्रदूषण कम हो. ग्लोबल वार्मिंग कम हो. क्लाइमेट चेंज को रोका जा सके. इसके जरूरी है कि हम क्लीन और ग्रीन एनर्जी पर ध्यान दें. हम सूरज और हवा की ताकत से बनाई गई ऊर्जा को संजोकर रख सकते है. उससे लोगों की बिजली की समस्या को दूर कर सकते हैं. (फोटोःगेटी)

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आपको बता दें इससे पहले साल 2017 में एलन मस्क ने अपने समय की सबसे बड़ी बैटरी लगाई थी. वह 100 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादित करती थी. इसी तरह पिछले महीने ओरिजिन एनर्जी लिमिटेड ने कहा था कि वो न्यू साउथ वेल्स में ही 700 मेगावॉट की बैटरी लगाएगा. जबकि, फ्रांस की नियोएन कंपनी ने कहा कि वह भई इसी इलाके में 500 और विक्टोरिया में 300 मेगावॉट की बैटरी लगाएगा. (फोटोः गेटी)

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इस समय कैलिफोर्निया में विस्ट्रा कॉर्प्स मॉस लैंडिंग प्रोजेक्ट के पास दुनिया की सबसे बड़ी बैटरी है. इसका क्षमता 400 मेगावॉट है. CEP इस समय उन कंपनियों को खोज रही है जो हंटर वैली प्रोजेक्ट के लिए बैटरी की सप्लाई करें. संस्था के पास ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत को लेकर एक अलग योजना है. (फोटोःगेटी)

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मॉरिस ने बताया कि वह ऑस्ट्रेलियाई कंपनी पेलिग्रा के साथ मिलकर देश के कई हिस्सों में छतों पर सोलन पैनल्स लगावाएंगे. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न स्थानों पर बड़ी बैटरी स्टोरेज की व्यवस्था भी करेंगे. ताकि पूरे देश को बिजली की सप्लाई मिलती रहे. (फोटोःगेटी)

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