भूटान नरेश ने महाकुंभ में लगाई डुबकी
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भारत आए हुए हैं और यहां प्रयागराज में संगम के तट पर लगे महाकुंभ में डुबकी भी लगाई. वैसे तो देश-विदेश के कई बड़े शख्सियत कुंभ पहुंच चुके हैं, लेकिन भूटान नरेश की काफी चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो लोगों को कम ही पता होगी. (फोटो - AFP)
भूटान के राजा की लव स्टोरी
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की पत्नी का नाम जेत्सुन पेमा वांगचुक है. इन दोनों ने प्रेम विवाह किया है और दोनों के मिलने की कहानी भी काफी दिलचस्प है.चलिए जानते हैं दोनों कैसे मिले और शादी के बंधन में बंध गए. (फोटो - AFP)
रानी ने 7 साल की उम्र में किया था प्रपोज
जब जेत्सुन पेमा सिर्फ 7 साल की थीं, तब उनकी एक पिकनिक के दौरान जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात हुई थी. खेसर उस वक्त 17 साल के थे. छोटी जेत्सुन इस राजकुमार से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने उनसे शादी करने का प्रस्ताव दे दिया. (फोटो - AFP)
राजा के दिल में बन गई थी खास जगह
पेमा को यह अंदाजा भी नहीं था कि यह मासूम-सा प्रस्ताव युवा राजकुमार के दिल में खास जगह बना लेगा. खेसर ने तब वादा किया कि ठीक है वो उनसे जरूर शादी करेंगे, लेकिन बड़े होने के बाद भी अगर पेमा के दिल में उनके लिए वैसा ही प्यार रहा और वो दोनों अविवाहित रहें, तो जरूर शादी करेंगे.
राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और रानी पेमा अपने विवाह समारोह के बाद. (फोटो-गेटी इमेजेज)
सबसे कम उम्र के राजा बने खेसर
वर्ष 2008 में खेसर के पिता ने गद्दी छोड़ दी. जब जिग्मे खेसर भूटान के राजा बनें तब उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी. तब वो दुनिया के सबसे कम उम्र के शासक बन गए थे. राजा बनने के तीन साल बाद और उनकी पहली मुलाकात के 14 साल बाद 2011 में 21 वर्षीय जेत्सुन पेमा से विवाह हुआ. (फोटो-गेटी इमेजेज)
सबसे कम उम्र की रानी बन गईं पेमा
इस शादी के बाद जेत्सुन पेमा दुनिया की सबसे युवा रानी बन गई. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि 14 साल पहले राजा खेसर की दिल में उन्होंने एक खास जगह बना ली थी और इतने सालों बाद जिग्मे खेसर ने अपना वो वादा पूरा किया. (फोटो-गेटी इमेजेज)
बेहतरीन फैशन सेंस के लिए जानी जाती है रानी पेमा
स्वाभाविक रूप से सुंदर रानी जेत्सुन अपनी बेहतरीन फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं और वे हमेशा हल्के मेकअप को ही प्राथमिकता देती हैं. उनकी शादी के दिन भी उनकी यह सादगी साफ झलक रही थी. (फोटो - गेटी इमेजेज )
विदेश में हुई है दोनों की पढ़ाई
खेसर भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और उनकी तीसरी पत्नी त्शेरिंग यांगडोन के सबसे बड़े बेटें हैं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से विदेशी सेवा कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री प्राप्त की है. वहीं पेमा ने लंदन के रीजेंट्स कॉलेज से मनोविज्ञान में डिग्री ली है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संबंध और कला इतिहास उनके सह-विषय थे. (फोटो - गेटी इमेजेज)
भूटान नरेश कहे जाते हैं 'ड्रैगनों का राजा'
अपने पिता की तरह, खेसर भी अपने मानवीय कार्यों और विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. इससे उन्होंने पूरे राष्ट्र का दिल जीत लिया है. इसी कारण उन्हें 'पीपल्स किंग' यानी जनता का राजा कहा जाता है. हालांकि, भूटान, जिसे स्थानीय भाषा में 'द्रुकयुल' या 'ड्रैगन की भूमि' कहा जाता है, अपने शासक को "द्रुक ग्यालपो" यानी 'ड्रैगनों का राजा' कहकर संबोधित करता है. (फोटो - गेटी इमेजेज )
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भूटान के पांचवें राजा हैं. वे वांगचुक वंश के मुखिया हैं. उनका जन्म 21 फ़रवरी, 1980 को हुआ था. भूटान नरेश जो मुकुट पहनते हैं, उसे रेवेन क्राउन कहा जाता है. (फोटो - गेटी इमेजेज)