आसमान से बिजली गिरते आप सभी ने देखा होगा. ये कुछ सेकेंड्स में खत्म हो जाती हैं. लेकिन अब दुनिया की सबसे बड़ी आकाशीय बिजली और सबसे अधिक समय तक चमकने वाली आकाशीय बिजली का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. सबसे बड़ी आकाशीय बिजली 709 किलोमीटर तक फैली थी. जबकि, सबसे लंबे समय तक बिजली चमकने का रिकॉर्ड बना है 16.73 सेकेंड का. (फोटोः गेटी)
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (World Meteorological Organization - WMO) के अनुसार सबसे बड़ी आकाशीय बिजली जो 709 किलोमीटर तक फैली थी, वह पूरे ब्राजील को बीच से आधे में बांट रही थी. वहीं अर्जेंटीना में दर्ज की गई सबसे लंबे समय तक चमकने वाली बिजली. यह 16.73 सेकेंड तक चमकती रही है. (फोटोः WMO)
यह दोनों ही रिकॉर्ड पुराने दर्ज रिकॉर्ड से दोगुना ज्यादा हैं. इसके पहले ऐसी बिजलियों का रिकॉर्ड अमेरिका और फ्रांस में दर्ज किया गया था. इस बारे में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के रिसर्च लेटर में लेख प्रकाशित हुआ है. (फोटोः गेटी)
WMO के एक्सपर्ट की कमेटी दो साल पहले दक्षिणी ब्राजील के ऊपर 31 अक्टूबर 2018 को गिरी बिजली को सबसे बड़ी आकाशीय बिजली करार दिया है. इस आकाशीय बिजली ने 709 किलोमीटर की दूरी तय की थी. इतनी दूरी बोस्टन से वॉशिंगटन डीसी या लंदन से स्विट्जरलैंड तक के बीच है. (फोटोः WMO)
WMO ने उत्तरी अर्जेंटीना में 4 मार्च 2019 को गिरी बिजली को अब तक के इतिहास की सबसे लंबे समय तक चमकने वाली बिजली माना है. यह 16.73 सेकेंड्स तक चमकती रही थी. जो भी बिजलियां 100 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक फैलती हैं, उन्हें मेगाफ्लैश कहते हैं. (फोटोः WMO)
इसके पहले 2007 में 321 किलोमीटर लंबी बिजली अमेरिका के ओक्लाहोमा में दर्ज की गई थी. वहीं, 2012 में फ्रांस के ऊपर 7.74 सेकेंड तक चमकने वाली बिजली को सबसे लंबे समय तक चमकने वाली बिजली माना गया था. (फोटोः गेटी)
WMO के एक्सपर्ट प्रोफेसर रैंडेल सर्वेनी ने कहा कि एक बिजली की इतनी लंबी यात्रा और एक बिजली का इतने समय तक चमकना प्रकृति की ताकत को दिखाता है. साथ ही हमें मौका देता है कि हम कुछ स्टडी या रिसर्च कर सकें. हम और बेहतर रिकॉर्ड दर्ज करेंगे भविष्य में. हमारी टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक हो रही है. (फोटोः गेटी)
साल 2016 में अमेरिका ने पहली बार दुनियाभर में चमकने वाली आकाशीय बिजलियों का नक्शा तैयार किया था. ताकि पूरी धरती को लेकर एक अध्ययन करने में आसानी हो. तभी से WMO आकाशीय बिजलियों को लेकर दो रिकॉर्ड की पुष्टि करके उन्हें आम जनता की जानकारी के लिए जारी करता है. (फोटोः गेटी)
इन बिजलियों की निगरानी अमेरिकी सैटेलाइट लाइट मैपिंग एरे (LMA), जियोस्टेशनरी लाइटनिंग मैपर्स (GLMs), जियोस्टेशनरी ऑपरेशनल एनवॉयरनमेंटल सैटेलाइट्स (GOES), यूरोप के मिटियोसेट थर्ड जेनेरेशन लाइटनिंग मैपर (MTG) और चीन के एफवाई-4 लाइटनिंग मैपिंग इमेजर से की जाती है. (फोटोः गेटी)
बिजली गिरने से एक साथ मरने वालों का रिकॉर्ड भी WMO रखता है. 1975 में जिम्बाब्वे में 21 लोगों को एक ही आकाशीय बिजली ने सीधे मार दिया था. ये लोग एक झोपड़ी में छिपे थे. वहीं, 1994 में मिस्र में एक तेट टैंक के पर बिजली गिरने से टैंक फट गया उसमें से जलते हुए तेल की बाढ़ ड्रोंका कस्बे में आ गई. इससे 469 लोग मारे गए थे. (फोटोः गेटी)