दिग्गज बीजेपी नेता और केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र के वोटर्स बेसब्री से उनकी राह देख रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि भले ही चुनाव जीतने के बाद गिरिराज सिंह ने अपना वादा पूरा नहीं किया लेकिन वह अपनी शॉल लेने के लिए बरियारपुर के चेड़िया गांव में जरूर आएंगे. यहां के लोग गिरिराज के शॉल के बारे में पूछते ही सक्रिय हो जाते हैं. उसे लाकर दिखाते हैं. इस शॉल की कहानी बेहद दिलचस्प है. गांव में हर कोई इसके बारे में अब अच्छे से जानता है.
चुनाव यात्रा में दिखी वो शॉल
दी लल्लनटॉप की टीम चुनाव यात्रा के क्रम में बेगूसराय पहुंची थी. वही बेगूसराय जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार को हराया था. बिहार का लेनिनग्राद कही जाने वाली इस धरती पर कम्युनिस्ट पार्टी के कन्हैया को गिरिराज ने पटखनी देकर चर्चा बटोरी थी.
बरियारपुर के चेड़िया गांव के लोगों ने दी लल्लनटॉप की टीम को बताया कि चुनाव के वक्त गिरिराज सिंह गांव आए. यहां के लोगों ने अपनी वर्षों पुरानी पुल की मांग को उनके सामने रखा. उन्होंने तुरंत अपनी जुबान दी कि यदि मैं जीता तो आपके क्षेत्र में पुल बनवा दूंगा. बस आप सभी लोग मुझे अपना वोट दें.
ट्वीट करने पर भी नहीं आए
स्थानीय युवक ने बताया कि उस वक्त अपनी जुबान के तौर पर गिरिराज सिंह अपना शॉल यहां गिरवी रख गए थे. बोले थे कि जब पुल बनवाऊंगा तब अपना शॉल वापस ले जाऊंगा. हालांकि उसके बाद गिरिराज ने इस गांव की ओर कभी रुख नहीं किया. जिस युवक के पास शॉल थी, उसने ट्वीट करके उन्हें याद भी दिलाया. ताकि भले उन्होंने वादा पूरा नहीं किया लेकिन अपनी शॉल वापस ले जाएं, फिर भी वो शॉल लेने नहीं आए. बाद में इस युवक ने शॉल को महावीर स्थान मंदिर को दे दिया ताकि जरूरमंद उसे इस्तेमाल कर सकें.
कई बार मिले फिर भी नहीं हुई बात
महावीर स्थान के लोगों की मानें तो एक बार जब वह बेगूसराय आए थे और वहां के गेस्ट हाउस में रुके थे, तब गांव के लोग गिरिराज सिंह से मिलने गए. ताकि उन्हें पुल वाला वादा याद दिला सकें. वो भीड़ से घिरे थे. उन्होंने अपने पीए अमर कुमार से मिलने के लिए कहा. पीए से कई बार गांव के लोगों ने बात और मुलाकात की ताकि गिरिराज जी को वादा ना सही, अपना शॉल याद आ जाए. मगर अब तक शॉल लेने न वो आए, ना अपना कोई प्रतिनिधि भेजा.