भारत-चीन सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच बीआरओ तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण सड़क तैयार कर चुका है. यह सड़क मनाली को लेह से जोड़ेगी. इससे सेना के जवानों की आवाजाही और आसान हो जाएगी. इसे नीमो-पदम-दारचा के नाम से जाना जाएगा.
(रिपोर्ट-मंजीत नेगी)
दरअसल, यह सड़क किसी भी सीमा से दूर होगी. यह लगभग 90% तैयार है और सेना के काफिले का लगभग एक घंटा बचाएगी. दिलचस्प बात यह है कि यह सड़क सभी 12 महीनों के लिए खुली रहेगी.
यह एक प्रकार से लद्दाख का ऑल-वेदर रूट होगा जो दो और रास्तों से जुड़ जाएगा. किसी भी समय भारतीय सेना के जवान हिमाचल के दारचा के रास्ते पदम और फिर नीमो होते हुए कुछ ही घंटे में लेह और कारगिल तक पहुंच जाएंगे.
दारचा-पदम-नीमो सड़क हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के दारचा को कारगिल जिले के जंस्कार के पदम इलाके से जोड़ेगी. दारचा से पदम की दूरी करीब 148 किलोमीटर है.
बीआरओ के एक अधिकारी मनोज जैन ने बताया कि जांस्कर क्षेत्र में पदम के बीच यह सड़क एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. बता दें कि भारी बर्फबारी और मौसम की स्थिति के कारण बीआरओ द्वारा बनाए गए पहले के दोनों रोड साल में ज्यादातर समय तक बंद रहते हैं.